RANCH: राजधानी रांची में किस कदर लूट मची है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ख्फ् करोड़ में बनी सड़क क्00 दिन भी नहीं टिक सकी। जी हां, खेलगांव मेगा कॉम्प्लेक्स से लालगंज होते हुए टाटीसिलवे तक सड़क मार्च में बनी, जो अब तालाब बन चुकी है। इस रोड में सैकड़ों गड्ढे बन गए हैं, जिसमें घुटने भर से ज्यादा पानी जमा हुआ है। रोड के दोनों किनारों पर पानी निकासी के लिए ड्रेनेज भी नहीं बना है। सड़क निर्माण के नाम पर इस लूट में ठेकेदारों व विभागीय इंजीनियरों की मिलीभगत से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

क्या है सड़क की हालत

इस सड़क पर खेलगांव मेन गेट से लेकर लालगंज होते हुए टाटीसिलवे तक जगह-जगह तालाब सा नजारा है। सैकड़ों गड्ढो व जल जमाव के कारण इस सड़क पर चलना खतरे से खाली नहीं है। पहला गड्ढा खेलगांव मेन गेट के सामने, दूसरा गड्ढा खेलगांव के हाउसिंग कांप्लेक्स के पास, फिर टाटीसीलवे स्थित आर्मी कैंप के मुख्य गेट के सामने भी गड्ढा हो गया है। इतना ही नहीं, पूरी सड़क में कई अन्य गड्ढे भी जगह-जगह बने हुए हैं। वहीं, रोड के किनारों पर नाली भी नहीं बनी है, ताकि सड़क का पानी वहां से निकल जाए।

कैसी बननी थी सड़क

पथ निर्माण विभाग ने एजेंसी को काम करने के लिए जो क्वालिटी तय किया था उसके अनुसार, साढे़ क्0 इंच मोटा रोड बनना था। फ्फ्0 जीएसबी होनी थी। ख्भ्0 डब्लूएमएम का यूज होना था। 8भ् एमएम रोड बनाने में भारी मात्रा में बेस्ट क्वालिटी का मैटेरियल यूज करना था।

क्या है लूट का खेल

ब्0 ट्रक सड़क निर्माण के लिए मैटेरियल गिराया गया।

80 फीसदी डस्ट कुल मैटेरियल में

ख्0 फीसदी से भी कम बोल्डर की मात्रा

आनन-फानन में डस्ट बिछा कर रोड रोलर चलवाया

दो एजेंसियों को मिला था काम

ख्फ् करोड की लागत से बना है रोड

इस रोड को बनाने का काम दो एजेंसियों को दिया गया था। एक एजेंसी को क्ब् करोड़ का काम मिला था। उसे लालगंज से टाटीसिलवे तक दोनों साइड रोड के साथ नाली भी बनानी थी। वहीं दूसरी एजेंसी को 9 करोड़ रुपए का काम मिला था। उसे खेलगांव मेगा कांप्लेक्स से लालगंज तक सड़क बनानी थी। यह काम अरविंद सिंह को दिया गया था।

आई नेक्स्ट ने किया था आगाह

ख्7 नवंबर ख्0क्भ् को आई नेक्स्ट के अंक में 'बोल्डर की जगह डस्ट बिछाकर करोड़ों की लूट की तैयारी' शीर्षक से खबर प्रकाशित हुई थी। इसके बावजूद इस लूट को रोका नहीं जा सका। नतीजन, आज ख्फ् करोड़ रुपए पानी में बह गए।

सचिव ने दिए थे जांच के आदेश

आई नेक्स्ट में छपी खबर के बाद तत्कालीन पथ निर्माण विभाग की सचिव राजबाला वर्मा(अब मुख्य सचिव) ने जांच के आदेश दिए थे। पथ निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ राम नरेश रमन को जांच करने के बाद रिपोर्ट सौंपने की जिम्मेवारी मिली थी। इसके बावजूद न यह लूट रोकी जा सकी और न ही किसी पर कोई कार्रवाई हुई।

वर्जन

इस रोड के निर्माण के बारे में मै इंजीनियर से जानकारी लेते हैं। सड़क कब बनी। क्वालिटी में मानक का पालन हुआ या नहीं। सब कुछ पता करते हैं।

-एमआर मीणा, पथ निर्माण सचिव

Posted By: Inextlive