अब सदर अस्पताल में भी होगा हार्ट के मरीजों का इलाज


रांची (ब्यूरो) । दिल की बीमारियों से परेशान मरीजों का अब रिम्स के अलावा सदर अस्पताल में भी इलाज होगा। वर्तमान में इकलौता रिम्स में हृदय रोग से संबंधित मरीजों का इलाज किया जाता है। लेकिन वहां मरीजों की भीड़ इतनी अधिक होती है कि उनको इलाज कराने में भी परेशानी होती है। अब रांची के सदर अस्पताल में हृदय रोग से संबंधित मरीजों के लिए कार्डियोलॉजी विभाग शुरू किया जा रहा है। इसके लिए डॉक्टर्स की नियुक्ति भी हो गई है। यहां 20 बेड की कार्डियोलॉजी यूनिट शुरू की जाएगी।मंडे से ओपीडी सेवा शुरू


कार्डियोलॉजिस्ट डॉ। राजेश कुमार झा के चयन पर सहमति बन गई है। पिछले ही दिन इन्हें ज्वाइनिंग लेटर भी भेज दिया गया। अगले दो-तीन दिनों के भीतर डॉ। राजेश सदर अस्पताल में सेवा देंगे। डॉ। झा राज अस्पताल में भी सेवा दे रहे हैं। इनकी नियुक्ति आयुष्मान भारत के अंतर्गत की गई है। सदर अस्पताल प्रबंधन की ओर से बताया गया कि सोमवार से कार्डियोलॉजी की रेगुलर ओपीडी सेवा शुरू हो जाएगी। इधर, सदर अस्पताल में यह सुविधा शुरू होने से रिम्स का भार कम होगा। अभी राज्यभर से हार्ट के मरीज जांच और इलाज के लिए रिम्स ही पहुंचते हैं, जिससे काफी मारामारी रहती है।4 दिन इनडोर में कार्डियोलॉजिस्ट

सदर अस्पताल में सप्ताह के तीन दिन कार्डियोलॉजी ओपीडी का संचालन होगा। बाकी चार दिन कार्डियोलॉजिस्ट इनडोर में उपलब्ध रहेंगे। अभी सदर अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले हृदय रोगियों को या तो मेडिसिन विभाग के अधीन इलाज कराना पड़ता था या रिम्स रेफर किया जाता है। एक साल में 5 हजार कार्डियक रोगी सदर से रिम्स रेफर किए गए हैं।मरीजों को सुविधाएं मिलेंगी-6 बेड की कार्डियक केयर यूनिट -आईसीयू, सीसीयू के साथ ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, वेंटिलेटर, हृदय से संबंधित ऑपरेशन, एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, ईको जांच, ईसीजी, टीएमटी के अलावा पेसमेकर भी लगाया जाएगा।2 ड्यूटी डॉक्टर्स भी नियुक्तसिविल सर्जन के अनुसार, दो ड्यूटी डॉक्टर्स की भी नियुक्ति हुई है। दोनों आईसीयू व सीसीयू को फंक्शनल बनाने में सहयोग करेंगे। वहीं, 2 सुपरवाइजर व 2 फ्लोर मैनेजर को भी ज्वाइनिंग लेटर भेजा गया है।साल भर में रिम्स में 182 ओपन हार्ट सर्जरी

रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग में हृदय रोग से संबंधित मरीजों का इलाज हो रहा है। 2022 में जनवरी से लेकर दिसंबर तक कार्डियोथोरेसिक एंड वस्कुलर सर्जरी डिपार्टमेंट में 6610 मरीज ओपीडी में कंसल्टेशन के लिए आए। वहीं 605 मरीजों ने इनडोर में सर्जरी कराई। ओपन हार्ट सर्जरी की बात करें तो एक साल में 182 मरीजों का आपरेशन किया गया। रिम्स की ओर से जारी की गई रिपोर्ट से साफ है कि मरीज अब इलाज के लिए बाहर नहीं जाना चाहते। इन सबके अलावा कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट मॉडल बनकर सामने आया है। चूंकि बाहर के डॉक्टर भी मरीजों को रिम्स में इलाज कराने से लेकर फॉलोअप तक की सलाह दे रहे हैं।रिम्स का लोड होगा कमरिम्स में भले ही हार्ट की सर्जरी हो चुकी है। वहीं एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम मरीजों के इलाज से लेकर सर्जरी तक कर रही है। लेकिन मरीजों का लोड काफी अधिक हो गया है। ऐसे में मरीजों की प्रायोरिटी को देखते हुए उनकी सर्जरी की जा रही है। वहीं जिन मरीजों की कंडिशन स्टेबल है उन्हें बाद की डेट मिल रही है। पर कुछ मरीज ऐसे हैं जो इंतजार नहीं करना चाहते वे दूसरे राज्यों का रुख कर रहे हैं। जहां उनका इलाज तो किया जा रहा है लेकिन डॉक्टर उन्हें फॉलोअप के लिए रिम्स ही भेज दे रहे हैं। इससे मरीजों की परेशानी भी कम होगी। वहीं खर्च से भी राहत मिल जाएगी।

Posted By: Inextlive