एसबीयू में भारतीय जीवन मूल्य विषय पर व्याख्यान. कोलकाता यूनिवर्सिटी हिन्दी विभाग के रिटायर्ड प्राध्यापक प्रो प्रेम शंकर त्रिपाठी ने रखे विचार.


रांची(ब्यूरो)। जीवन में सफलता के लिए सहज, सरल, विनम्र व तपस्वी का भाव होना बेहद जरूरी है। ये बातें कोलकाता यूनिवर्सिटी के हिन्दी विभाग के रिटायर्ड प्राध्यापक प्रो प्रेम शंकर त्रिपाठी ने कहीं। वह बीके बिरला ऑडिटोरियम में बतौर चीफ गेस्ट व्याख्यान दे रहे थे। भारतीय जीवन मूल्य विषय पर व्याख्यान का आयोजन सरला बिरला यूनिवर्सिटी की ओर से किया गया था।सांस्कृति गौरव का आधार
प्राचीन वैदिक एवं भारतीय जीवन मूल्यों पर चर्चा करते हुए चीफ गेस्ट ने कहा कि भारतीय जीवन मूल्य ऋषियों द्वारा प्रतिस्थापित है, जो उनके कठिन तप, त्याग और कठोर साधना का प्रतिफल है। मनुष्य पितृ ऋण, गुरु ऋण और देव ऋण से बंधा होता है। हमें माता पिता, गुरु व ईश्वर के प्रति सदा कृतज्ञ होना चाहिए। भारतीय जीवन मूल्य से ओतप्रोत भारत की सांस्कृतिक गौरव हमारे महत्वपूर्ण धर्म ग्रंथों में समाहित है। भारत के सांस्कृतिक गौरव का आधार अध्यात्म है जो तमाम आघातों के बावजूद भी शाश्वत बना हुआ है। धर्म के रास्ते पर चलना ही लक्ष्य


व्याख्यान की अध्यक्षता कर रहे यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो गोपाल पाठक ने कहा कि समाज का सबसे सम्मानित सदस्य शिक्षक हैं, जो सभी को सही दिशा निर्देशित करता है। आगे उन्होंने कहा कि भारत की सनातन संस्कृति जब तक अक्षुण्ण रहेगी, तब तक भारत विश्व बंधुत्व व विश्व शांति का मार्ग प्रशस्त करता रहेगा। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि धर्म के रास्ते पर चलना ही जीवन का ध्येय होना चाहिए। अतिथि परिचय एवं स्वागत अभिभाषण मानविकी के एसोसिएट डीन डॉ राधा माधव झा द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का संचालन वाणिज्य व प्रबंधन विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ नीतू सिंघी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डीएसडब्ल्यू डॉ अशोक कुमार अस्थाना द्वारा ज्ञापित किया गया। मौके पर आरयू परफॉर्मिंग एंड फाइन आर्ट की डायरेक्टर डॉ नीलिमा पाठक, कुलसचिव प्रो विजय कुमार सिंह, प्रो श्रीधर बी दंडिन समेत अन्य मौजूद थे।

Posted By: Inextlive