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-प्रतियोगी छात्रों ने भर्ती कराया एसआरएन अस्पताल में

-कैश और मोबाइल गायब, जेब में मिला मुंबई का टिकट

ALLAHABAD: ट्रेन से सफर के दौरान किसी मुसीबत में फंस जाएं तो जीआरपी से मदद की उम्मीद न रखें। मदद करना तो दूर की बात है, अगर यात्री परेशानी में होंगे तो जीआरपी उलटे जूते बरसाएगी। ऐसा ही नजारा शुक्रवार को जंक्शन स्टेशन पर सिटी साइड इंक्वायरी काउंटर के पास देखने को मिला। काउंटर के पास एक यात्री बेहोश पड़ा था, लेकिन जीआरपी उसे अस्पताल ले जाने की जगह जूते से हिलाकर देख रही थी कि वह जिंदा है कि नहीं। वर्दी वालों की यह हरकत प्लेटफार्म पर खड़े तीन स्टूडेंट्स को अच्छी नहीं लगी। उन्होंने सिपाहियों को लताड़ लगाई और यात्री को एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया।

गाजीपुर का है रहने वाला

स्टेशन पर बेहोश मिले युवक के पास वोटर आईडी कार्ड मिला है। उस पर धर्मेद्र नाम लिखा है और पता देवकली, ननदगंज, सैदपुर गाजीपुर लिखा है। उसके पास लोकमान्य तिलक टर्मिनस से छिवकी तक का क्भ् जुलाई का टिकट मिला है। युवक के पास दो बैग भी मिले, लेकिन कैश और मोबाइल नहीं था। आशंका है कि वह छिवकी उतरा होगा और गाजीपुर के लिए ट्रेन पकड़ने किसी टेंपो से जंक्शन पहुंचा होगा। रास्ते में उसे नशीला पदार्थ खिलाकर बेहोश करने के बाद जहरखुरान सिटी साइड जंक्शन के इंक्वायरी काउंटर के पास उसे फेंक गए होंगे।

मुंह से निकल रहा था झाग

जंक्शन पर मौजूद किसी भी व्यक्ति ने युवक की मदद नहीं की। खबर पाकर जीआरपी के दो सिपाही तो आए, लेकिन हाथ लगाने से परहेज करते रहे। उसे होश है कि नहीं, यह देखने के लिए जूते मारे गए। जिस वक्त वर्दी वाले शर्मनाक हरकत कर रहे थे, वहां पर इंजीनियरिंग स्टूडेंट अखिलेश कुशवाहा, राजीव पांडेय और प्रतियोगी स्टूडेंट तारा शंकर गौतम खड़े थे। उन्होंने सिपाहियों को इस हरकत के लिए टोका। अखिलेश और तारा धूमनगंज मीरापट्टी में रहते हैं और प्राइवेट कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं। ताराशंकर हंडिया के हैं और लखनऊ के लिए ट्रेन पकड़ने जंक्शन पहुंचे थे। मगर, युवक को बेहोश देख उसको एसआरएन हॉस्पिटल पहुंचवाया।

नहीं आया होश

स्टेशन पर बेहोश मिले युवक को शाम तक होश नहीं आया था। वह रुक -रुक कर हाथ पांव पटक रहा था। डॉक्टरों ने उसकी हालत चिंताजनक बताई है। जीआरपी ने इस मामले की रिपोर्ट तक नहीं दर्ज की है।

Posted By: Inextlive