जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय यानी क‍ि जेएनयू में एक बार फ‍िर व‍िवाद हो गया है। यहां पर लव जि‍हाद पर आधार‍ित एक फ‍िल्म के प्रदर्शन पर जमकर ब‍वाल हुआ। दो संगठनों में फिल्म स्क्रीनिंग के समय हाथापाई होने के साथ ही काफी तोड़फोड भी हुई है। पुलि‍स का कहना है क‍ि घायलों को उपचार के ल‍िए भेजा गया है। वहीं दोनों तरफ से म‍िली से श‍िकायतों के आधार पर जांच की जा रही है। बतादें क‍ि अक्‍सर यहां छात्र संगठनों में व‍िवाद होते रहते हैं।

'इन द नेम ऑफ लव ' फिल्म की स्क्रीनिंग हो रही थी
नई दिल्ली (प्रेट्र)। ग्लोबल इंडियन फाउंडेशन और जेएनयू के विवेकानंद विचार मंच द्वारा 'इन द नेम ऑफ लव ' नामक फिल्म की स्क्रीनिंग की जा रही थी। इस कार्यक्रम के आयोजकों के मुताबिक यह फिल्म सुदीपतो सेन द्वारा निर्देशित की गई थी। यह फिल्म केरल में लड़कियों के धार्मिक रूपांतरण और लव जिहाद के मुद्दे पर केंद्रित थी। फिल्म का प्रदर्शन साबरमती ढाबे पर किया जा रहा था। इस दौरान जवाहर लाल नेहरू छात्र संगठन (जेएनयूएसयू) के सदस्यों और यौन उत्पीड़न के खिलाफ लिंग संवेदनशीलता समिति (जीएससीएएसएच) के सदस्यों ने इसका विरोध किया।

स्क्रीन के सामने प्लेकार्ड रखकर स्क्रीनिंग रोक दी गई थी

वे फिल्म स्क्रीनिंग का विरोध करते हुए इसे रोकने के लिए साबरमती ढाबे पर पहुंच गए। इन लोगों ने स्क्रीन के सामने प्लेकार्ड रखकर स्क्रीनिंग को बाधित कर दिया। जेएनयूएसयू के सदस्यों का कहना था कि यह फिल्म सांप्रदायिक माहौल को बिगाडऩे का काम कर रही है। ऐसी फिल्मों का प्रदर्शन करके जेएनयू में नफरत को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस दौरान दोनों ही पक्षों के सदस्यों में जमकर हाथापाई हुई। वहीं इस संबंध में जेएनयूएसयू की पूर्व अध्यक्ष गीता कुमारी ने कहा कि एबीवीपी/आरएसएस विवेकानंद विचार मंच लव जिहाद जैसे मामलों से समाज को बांट रहे हैं।

कथित तौर पर एबीवीपी के सदस्यों ने हमला कर दिया

ऐसे में जेएनयू के स्टूडेंट ने लिंग और लव जिहाद के नाम पर घृणा की राजनीति का खुलकर विरोध किया है। खबरों की मानें तो फिल्म स्क्रीनिंग का विरोध करने के लिए गीता कुमारी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और एबीवीपी के पुतले को आग लगा दी थी। वहीं इस संबंध में पूर्व जेएनयूएसयू अध्यक्ष मोहित कुमार पांडे का कहना है कि इस विरोध के समय कथित तौर पर एबीवीपी ने हम पर हमला किया। यह मेरे जीवन की सबसे कठिन स्थिति थी। मुझ पर पत्थर फेंके गए। इसकी वजह से मेरा चश्मा टूट गया। इतना ही नहीं मेरे दोस्त की कार की विंडशील्ड तक बर्बाद कर दी गई।
एबीवीपी बोली जानबूझकर माहौल बिगाड़ा जा रहा है
वहीं इस पूरे मामले को लेकर एबीवीपी के सदस्यों का कहना है कि वामपंथी प्रदर्शनकारियों ने साबरमती ढाबा में फिल्म की स्क्रीनिंग में बाधा डालने के बाद माहौल को बिगाड़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। यह इनकी पूर्व नियोजित योजना थी। इन लोगों ने जानबूझकर गार्ड को घायल कर दिया। इसके बाद खुद ही हाथापाई शुरू कर दी। वहीं इस पूरे मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि उन्हें दोनों तरफ से शिकायतें मिली हैं। इस मामले की जांच की जांच की जा रही है। वहीं एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि मामले की जांच के बाद उचित कार्रवाई शुरू की जाएगी।

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Posted By: Shweta Mishra