Gorakhpur: ऐसे यूथ के लिए खुशखबरी है जो काबिलियत तो रखते हैं लेकिन डिग्री डिप्लोमा और सर्टिफिकेट के अभाव में नौकरी नहीं कर पाते हैं. अब हाईस्कूल और इंटर तक पढ़ाई करने वालों को भी फॉरेन में जॉब का मौका मिलेगा. इसके लिए न तो कोई डोनेशन देना होगा और न ही महंगी पढ़ाई की डिग्री लेनी होगी. सेंट्रल गवर्नमेंट ने यूथ्स को सेल्फडिपेंडेंट बनाने के लिए सीआईडीसी कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री डेवलेपमेंट काउंसिल के तहत इंस्टीट्यूट की स्थापना की है. यहां यूथ्स को फ्री ट्रेनिंग दी जाएगी और साथ ही विभिन्न कंपनियों में प्लेसमेंट भी कराया जाएगा. सबसे बड़ी बात है ट्रेनिंग का कोई चार्ज नहींलगेगा. प्रोग्राम के तहत देश के दो करोड़ यूथ्स को टेक्निकल ट्रेनिंग देने के साथ जॉब भी दी जाएगी. सीआईडीसी ने गोरखपुर में भी इस इंस्टीट्यूट की पहली ब्रांच खोली है. जहां सौ यूथ्स को ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट के साथ जॉब दी जाएगी.

गोरखपुर में 100 को मिलेगी जॉब
बेरोजगारी से परेशान यूथ्स के लिए अब खुशखबरी है। सीआईडीसी (कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री डेवलपमेंट काउंसिल) ने गोरखपुर में पहली बार अपनी ब्रान्च शुरू की है। सीआईडीसी के डिप्टी डायरेक्टर पीके मिश्रा ने बताया कि इंस्टीट्यूट यूथ्स को फ्री में ट्रेनिंग दे रहा है। जिसमें हाइस्कूल और इंटरमीडिएट के स्टूडेंट्स को कंस्ट्रक्शन से जुड़ी टेक्निकल ट्रेनिंग दी जा रही है। तीन माह की ट्रेनिंग के बाद गवर्नमेंट से एफलिएटेड सर्टिफिकेट दिया जाएगा। जिसकी वेल्यू इंडिया से लेकर फॉरेन में होगी। उन्होंने बताया कि गोरखपुर में 100 यूथ्स का टे्रनिंग देने का टारगेट है। जिन्हें ट्रेनिंग के बाद सर्टिफिकेट के साथ जॉब के लिए कैंपस प्लेसमेंट भी कराया जाएगा। जिससे उन्हें अच्छी कंपनी में जॉब मिल सके। स्टार्टिंग में अभी 40 स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग दी जा रही है। जिसमें 9 गर्ल्स भी शामिल है।
दो करोड़ यूथ्स को ट्रेनिंग का टारगेट
12 प्लानिंग कमीशन में यूथ्स को ट्रेनिंग और जॉब देने के लिए गवर्नमेंट ने सीआईडीसी बनाई। इसके तहत देश के दो करोड़ यूथ्स को ट्रेनिंग और जॉब देने का टारगेट है। अभी तक सीआईडीसी दो लाख 75 हजार यूथ्स को ट्रेंड करने के साथ दो लाख 47 हजार यूथ्स को जॉब दिला चुका है। अकेले यूपी में 7,845 यूथ्स को प्लेसमेंट दिला चुका है। यूं तो योजना पांच साल पहले से चल रही है, मगर सिटी में पहली ब्रांच खुली है।


200 कंपनियां देंगी प्लेसमेंट
सीआईडीसी के डिप्टी डायरेक्टर पीके मिश्रा ने बताया कि इंस्टीट्यूट का मकसद बेरोजगारी से जूझ रहे यूथ को सही रास्ता दिखाना है। यहां टेक्निकल डिग्री देने के साथ यूथ्स को जॉब भी ऑफर की जाएगी। टे्रनिंग के बाद दी जाने वाली डिग्री सिर्फ सीआईडीसी (कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री डेवलपमेंट काउंसिल) से नहीं बल्कि मिनिस्ट्री ऑफ लेबर और आरइसीएल (रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कारपोरेशन लिमिटेड) से भी एफिलेटेड है। इस डिग्री की वेल्यू फॉरेन मिनिस्ट्री से भी है। साथ ही इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग करने वाले यूथ्स को कैंपस प्लेसमेंट भी दिया जाएगा। इसके लिए इंस्टीट्यूट ने 200 कंपनियों से टाई-अप कर लिया है। इन कंपनियों में गवर्नमेंट, सेमी गवर्नमेंट के अलावा प्राइवेट कंपनियां भी शामिल है।
Three monts certificate and gets job
दुबई, मलेशिया, सउदी अरब, इंग्लैैंड, यूएस में जॉब करना सिटी के अधिकांश यूथ्स का सपना है, जिसे हकीकत में बदलना बहुत मुश्किल होता है। कभी-कभी डिग्री की मान्यता न होने पर कई यूथ्स विदेश में ठगी के शिकार भी हो जाते है। मगर अब तीन माह की ट्रेनिंग के बाद यूथ्स फॉरेन में जॉब कर सकते है। क्योंकि सेंट्रल गवर्नमेंट की इस डिग्री की वेल्यू फॉरेन मिनिस्ट्री से भी है। सीआईडीसी के तहत चल रहे इस इंस्टीट्यूट से मिलने वाली डिग्री के दम पर सैकड़ों यूथ्स फॉरेन में जॉब कर रहे है।


इनकी मिलेगी ट्रेनिंग


-जनरल वर्क सुपरवाइजर
-सेफ्टी इंस्पेक्टर
-लैैंड सर्वेयर
-साइट एकाउंटेंट
-लैब टेक्नीशियन
-इलेक्ट्रीशियन
-स्टोर कीपर
-मेसन
-शटरिंग कारपेंटर
-सरिया मिस्त्री
-प्लंबर
मेरी फैमिली में सभी लोग खेती करते है। जिससे घर का खर्च मुश्किल से चल रहा है। मैैं जॉब करना चाहता हूं। मगर क्वालीफिकेशन सिर्फ इंटर है और आगे टेक्निकल एजुकेशन के लिए पैसा नहीं है। मगर गवर्नमेंट की इस स्कीम ने मेरे लिए ऑफर की भरमार कर दी है। अब मैैं फ्री में ट्रेनिंग कर अच्छी जॉब पा सकता हूं।
नरेंद्र, सीतापुर
परिवार किसान है, लेकिन जॉब करना चाहता था। मगर डिग्री न होने से यह सपना अधूरा था। मगर इस स्कीम के आने के बाद मैैंने ट्रेनिंग स्टार्ट कर दी है। अब जॉब का सपना भी पूरा हो जाएगा।
सौरभ तिवारी, भाटपरानी देवरिया
गवर्नमेंट की इस ऑफर के तहत मैैंने ट्रेनिंग शुरू कर दी है। इस टे्रनिंग से जहां जॉब के रास्ते खुल जाएंगे, वहीं मेरा फ्यूचर भी सेफ होगा। वरना सिंपल इंटर के बाद जॉब मिलना मुश्किल नहीं बल्कि नामुमकिन सा था।
गिरीश कुमार रावत, फैजाबाद
विदेश जाना मेरा सपना है। वहां जाकर अक्सर लोग ठग जाते है, क्योंकि उनके पास काबिलियत होती है, मगर डिग्री नहीं। इसलिए मैैंने ट्रेनिंग करने की सोची। गवर्नमेंट की इस स्कीम में पैसा या डोनेशन का खेल नहीं।
प्रदीप कुमार सिंह, उरुवा बाजार

 

Report by - Abhishek Singh

Posted By: Inextlive