पाकिस्तान की एक अदालत ने वेश्यालय चलाने वाली एक महिला को एक महीने हर रोज़ मस्जिद जा कर खुद को सुधारने का आदेश दिया है.

पेशावर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश दोस्त मोहम्मद खान ने मस्जिद में महीने भर की उनकी हाज़िरी को उनकी जमानत का हिस्सा बनाया है। उन्होंने इमाम से कहा है कि वे इस महिला के बारे में एक महीने के अंत में रिपोर्ट सौंपें।

जमानत मंजूरजज ने बाकी चार महिलाओं की जमानत अर्ज़ी को भी मंजूर कर लिया। इन्हें इस वेश्यालय पर पुलिस के छापे के दौरान पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था। जज ने सभी महिलाओं को दो मुचलकों के अलावा 50,000 रुपए का जुर्माना भी भरने का आदेश दिया है।

पुलिस द्वारा दर्ज की गई शिकायत के अनुसार पुलिस ने इस सूचना के आधार पर यह छापा मारा था कि हयाताबाद के एक घर में वेश्यालय चलाया जा रहा है।

एक अन्य वेश्यालय

गिरफ्तार की गई महिलाओं ने निचली अदालत में 14 सितंबर को अर्ज़ी दायर की थी। लेकिन अतिरिक्त ज़िला जज ने इन अर्ज़ियों को नामंज़ूर कर दिया था।

वेश्यालय चलाने वाली महिला की सूचना पर अमल करते हुए हाईकोर्ट ने पुलिस को एक अन्य वेश्यालय पर भेजा था जिसे एक पुरुष और उसकी पत्नी चला रही थी।

लेकिन इस पुरुष की बेटी ने इन आरोपों को खारिज किया था और कहा था कि यह महिला उनके घर नौकर थी और उन्हें लूट कर घर से भाग गई थी। हाईकोर्ट ने इस पुरुष और उसकी पत्नी की जमानत मंज़ूर कर ली थी।

Posted By: Inextlive