She will follow in Sharmila Tagore's footsteps by wearing her sharara for the big day but Kareena Kapoor will not convert to Islam like her mom-in-law-to-be did 43 years back.


सैफ अली खान के साथ 16 अक्टूबर को पटौदी पैलेस (हरियाणा) में शादी करने से पहले करीना कपूर अपना धर्म नहीं बदलेंगी. उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी होने वाली सास (शर्मिला टैगोर) की तरह इस्लाम धर्म कबूल नहीं करेंगी और न ही अपना नाम बदलेंगी क्योंकि यही उनकी पहचान है. वह हिंदू रीति रिवाज से शादी करने के संकेत भी दे चुकी हैं. वैसे इस मामले में सैफ भी उनके साथ हैं और उनकी ओर से भी करीना पर धर्म परिवर्तित करने का कोई दबाव नहीं है. सैफ ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा था, ‘दो अलग-अलग धर्म के लोग जब शादी करते हैं तो दिक्कतें आती हैं, लेकिन मैं कभी नहीं चाहूंगा कि करीना अपना धर्म बदले. मैं इन बातों में कोई विश्वास नहीं रखता.


 करीना की अपनी पहचान है और वह जैसे चाहें रहने के लिए स्वतंत्र हैं.’ करीना पहले ही कह चुकी हैं कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती हैं. उनकी मां बबीता कैथोलिक हैं और वह बचपन से अक्सर उनके साथ चर्च जाती हैं. इससे पहले पटौदी परिवार में अंतर धार्मिक विवाह के लिए महिलाओं को इस्लाम धर्म कबूल करना पड़ता था.

 सैफ के माता पिता शर्मिला टैगौर और मंसूर अली खान पटौदी का 1969 में पारंपरिक तरीके से निकाह हुआ था. रवींद्रनाथ टैगोर के परिवार से ताल्लुक रखने वाली शर्मिला ने धर्म परिवर्तन के बाद अपना नाम आयशा बेगम रख लिया था. इसी तरह 1991 में सैफ की अमृता सिंह के साथ पहली शादी मुस्लिम रीति रिवाज से हुई थी.  सिख परिवार में पली बढ़ी अमृता ने शादी से पहले धर्म परिवर्तन कर लिया था. बहरहाल पटौदी महल में शादी की तैयारियां शुरू हो गई हैं. महल के कुछ हिस्से का पुनर्निर्माण कराया जा रहा है. वहीं शर्मिला लंदन में हैं. 20 जुलाई को उनकी वापसी के बाद आगे की तैयारियां होगी.

Posted By: Garima Shukla