- कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्राओं को किया जाएगा सक्रिय

- शासन ने बालिकाओं पर स्पेशल ध्यान देने के लिए दिए है निर्देश

Meerut : अब क्लास में गुमसुम रहने वाली बालिकाओं पर कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में अलग से ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए शासन ने सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों को निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही बालिकाओं की सुरक्षा पर भी ध्यान देने के लिए कहा है।

अलग से काउंसिलिंग

कस्तूरबा गांधी विद्यालय में पढ़ने वाली बालिकाओं को कॉन्वेंट स्कूलों की भांति सक्रिय बनाने के लिए शासन की ओर से एक कार्य योजना तैयार की गई है। इसके तहत विद्यालयों की गतिविधियों में भाग न लेने वाली और गुमसुम रहने वाली छात्राओं को चिह्नित किया जाएगा। उसके बाद ही इन बालिकाओं को अलग से काउंसिलिंग दी जाएगी। काउंसिलिंग के दौरान छात्राओं को एक पर्सनल डायरी भी दी जाएगी, जिसमें महत्वपूर्ण फोन नंबर लिखे जाएंगे। छात्राएं इसमें प्रति दिन के अनुभव भी साझा कर सकेंगी।

रखा जाएगा ड्रॉप बॉक्स

विद्यालय में एक ड्रॉप बॉक्स भी रखा जाएगा, जिसमें छात्राएं अपनी समस्याएं और सुझावों को लिखकर डाल सकेंगी। हर 15 दिन बाद यह बॉक्स खोला जाएगा और छात्राओं की समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा। रात में सुरक्षा की दृष्टि से बालिकाओं के कमरे में एक आपातकालीन किट भी रखी जाएगी। इसमें एक टार्च, लाठी और एक रस्सी होगी। इनके प्रयोग केबारे में छात्राओं को अलग से बताया भी जाएगा। वहीं आपातकाल में बिल्डिंग से बाहर निकलने के लिए बाहर निकलने के रास्ते का एक नक्शा भी चस्पा किया जाएगा। पूर्वा अहिरान स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की वार्डन प्रियंका का कहना है कि गुमसुम रहने वाली छात्राओं की जीवन कौशल रक्षा शिविर के माध्यम से काउंसिलिंग कराई जा रही है। ताकि वह भी विद्यालय में होने वाली गतिविधियों में बढ़चढ़कर हिस्सा ले सकें।

प्राथमिक उपचार के लिए होगी किट

रात किसी की तबियत खराब होने पर प्राथमिक उपचार के लिए एक किट भी रखी जाएगी। इसमें उल्टी, बुखार, पेट दर्द, मोच, चोट आदि की दवाई होगी। दवाओं के नाम की सूची भी चस्पा करनी होगी। बीएसए मोहम्मद इकबाल का कहना है कि बालिकाओं को समय समय पर सुरक्षा के गुर सिखाने के लिए स्कूलों में पहले से ही जूडो कराटे आदि सिखाए जाते हैं।

Posted By: Inextlive