पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व पूर्व विधायक पर है पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप

ALLAHABAD: बहुजन समाज पार्टी में अस्तित्व का संकट गहराता ही जा रहा है। इलाहाबाद मंडल में पिछले एक महीने के दौरान पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव इन्द्रजीत सरोज व पूर्व विधायक आसिफ जाफरी सहित कई कद्दावर नेताओं ने वसूली का आरोप लगाते हुए पार्टी का दामन छोड़ा तो गुरुवार को बड़ा कदम उठाते हुए पार्टी सुप्रीमो मायावती के निर्देश पर इलाहाबाद की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष केशरी देवी पटेल और उनके पुत्र पूर्व विधायक करछना दीपक सिंह पटेल को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निष्कासित करने का निर्णय लिया गया।

जोनल कोआर्डिनेटर अशोक गौतम ने बताया कि उप्र में विधानसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद से ही दोनों नेता इलाहाबाद मंडल और करछना विधानसभा में लगातार पार्टी की अनदेखी कर रहे थे। इसकी शिकायत कई मंचों पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने की थी। इसकी जानकारी पार्टी सुप्रीमो मायावती को दी गई। उन्होंने दोनों को निष्कासित करने का फैसला लिया।

वसूली ही पार्टी का लक्षय: दीपक

इलाहाबाद में पार्टी फंड के नाम पर धन वसूली का आरोप लगाते हुए सोरांव से चुनाव लड़ चुकी गीता पासी व फाफामऊ से पार्टी प्रत्याशी मनोज पांडेय ने पार्टी छोड़ दी थी। पूर्व विधायक दीपक सिंह पटेल ने भी कहा कि संस्थापक अध्यक्ष कांशीराम के संघर्षो और मिशन को भूलकर पार्टी अब वन मैन आर्मी बनती जा रही है। पार्टी फंड के नाम पर धन उगाही का काम किया जा रहा है।

हो सकती है घर वापसी

किसी जमाने में कुर्मी वोट बैंक को लेकर भाजपा में बड़ी भूमिका निभाने वाली केशरी देवी पटेल की दोबारा पार्टी में वापसी हो सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में स्वजातीय मतों को एकजुट करने के लिए उनसे बड़ा चेहरा कोई नहीं हो सकता है।

Posted By: Inextlive