29 अगस्‍त 1905 को इलाहाबाद में जन्‍मे भारत के स्टार हॉकी प्लेयर मेजर ध्यानचंद का आज है 109वां जन्‍मदिन। बता दें कि उनके जन्‍मदिन को भारतीय सरकार स्पोर्ट्स-डे के रूप में सेलिब्रेट करती है। ध्यानचंद को भारतीय खेल जगत का वो नायाब हीरा माना जाता है जिसने एडॉल्फ हिटलर जैसे क्रूर तानाशाह को भी अपने आगे नतमस्तक कर दिया था। ये कारनाम ध्यानचंद ने 1936 के बर्लिन ओलंपिक के दौरान कीचड़ भरे मैदान में नंगे पांव किया था।

ऐसा था वो किस्सा
बात 1936 की है। जर्मन तानाशाह एडॉल्फ हिटलर के बर्लिन शहर में उस समय के ओलिंपिक का आयोजन किया गया था। हिटलर की टीम को उसके घर में हराना आसान नहीं था। खिताबी मैच में इंडिया का सामना जर्मनी से था। खेल शुरू हुआ और गोलों का सिलसिला भी जल्द शुरू हो गया। हाफ टाइम तक भारतीय टीम ने मेजबान के पाले में 2 गोल कर ही दिए थे। मैच से पहले वाली रात को बर्लिन में झमाझम बारिश हुई थी। बारिश के कारण मैदान गीला था। भारतीय टीम के पास स्पेशल जूतों की सुविधा नहीं थी और सपाट तलवे वाले रबड़ के जूते फिसल रहे थे। भारतीय कप्तान ने किसी तरह समस्या का समाधान ढूंढा। हाफ टाइम के बाद जूते उतार कर नंगे पांव खेलना शुरू कर दिया। भारतीय टीम ने जल्द ही लीड मजबूत करके जीत की तरफ कदम बढ़ा दिए। जर्मनी को हारता देखकर हिटलर पहले ही मैदान को छोड़ चुका था। ध्यानचंद ने हाफ टाइम के बाद गोल्स की रफ्तार बढ़ा दी। भारत ने 8-1 से जर्मनी को रौंदकर गोल्ड मेडल जीत लिया। उस समय मेडल देने के लिए हिटलर मैदान पर भी नहीं आया।
ऐसे ध्यानचंद के बारे में आइए जानें उनसे जुड़े 10 अनजाने तथ्य
1 . ध्यानचंद ने अपने पूरे स्पोर्ट्स कॅरियर में कुल 3 ओलंपिक गोल्ड मेडल जीते। इनका नाम आज भी हॉकी के खेल में बेस्ट ओलंपिक प्लेयर के तौर पर लिया जाता है।  
2 . अंतरराष्ट्रीय खेलों में ध्यानचंद ने अपने कॅरियर के कुल 400+ स्कोर्स बनाए।
3 . हॉकी खेलते हुए ध्यानचंद ने अपने जीवन के 22 कीमती साल भारत को समर्पित कर दिए। कहने का तात्पर्य ये है कि 22 साल तक वह भारत के लिए हॉकी खेले।
4 . 1936 के ओलंपिक फाइनल्स में जर्मनी के विरुद्ध ध्यानचंद ने भारत को 8-1 से जीत दिलाई। इस मैच में इन्होंने हैट्रिक मारते हुए देश का नाम रोशन किया।
5 . 14 साल की उम्र तक ध्यानचंद को हॉकी का कोई शौक नहीं था। उस समय तक वो रेसलिंग को लेकर काफी उत्साहित थे।
6 . 16 साल की उम्र में 1922 में सिपाही के रूप में इन्हें पंजाब रेजीमेंट में शामिल किया गया था।
7 . इसके बाद झेलम में पंजाब के फैंट्री टूर्नामेंट के फाइनल में अकेले इन्होंने ही तीन गोल किए।
8 . न्यूजीलैंड के अपने पहले अंतरराष्ट्रीय टूर पर निकले ध्यानचंद ने वहां एक मैच में 20 में से 10 गोल्स्ा किए।
9 . 1927 में लंदन के फोकस्टोन महोत्सव में होने वाले कुल 10 मैचों में इन्होंने 72 भारतीय गोल्स में 36 रन बनाए।
10 . उन्होंने 1938 तक हॉकी ख्ोली। उस समय वह 42 साल के थे।

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Posted By: Ruchi D Sharma