गोरखपुर संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव की मतगणना में धांधली के खिलाफ एकजुट विपक्ष ने बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही नहीं चलने दी। गोरखपुर के डीएम पर कार्रवाई की मांग को लेकर सपा बसपा व कांग्रेस ने वेल में पहुंच कर नारेबाजी की और धरना दिया। हंगामे के चलते बजट पर चर्चा नहीं हो सकी। लाठी गोली की सरकार नहीं चलेगी नहीं चलेगी...जैसे नारे लगाते विपक्ष ने वेल में धरना शुरू कर दिया। माहौल सामान्य न होता देख विधानसभा अध्यक्ष ने दस मिनट के लिए सदन स्थगित किया लेकिन बाद में 12.20 तक स्थगन बढ़ा दिया गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही 20 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गयी।


लाठी-गोली की सरकार नहीं चाहिएसदन में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने गोरखपुर में वोटों की गिनती के दौरान डीएम राजीव रौतेला पर अनियमितता बरतने और मनमानी करने का आरोप लगाया। उन्होंने सदन की कार्यवाही को रोककर चर्चा कराने की मांग की। इस पर सत्तापक्ष ने एतराज जताते हुए नियमानुसार सदन चलाने की मांग को लेकर शोरगुल किया तो चौधरी के पक्ष में इकबाल महमूद, पारसनाथ यादव, मनोज पांडेय, अमिताभ वाजपेयी, रफीक अंसारी, नरेंद्र वर्मा, उज्जवल रमण सिंह व नफीस अहमद आदि ने वेल में पहुंचकर नारेबाजी शुरू कर दी। उनके समर्थन में बसपा और कांग्रेस के सदस्य भी आ गये। विपक्षी सदस्य वेल में धरने पर बैठे रहे
वेल में विपक्ष की नारेबाजी का सत्तापक्ष से भी जवाब मिलने लगा। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने प्रश्नकाल में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुद्दाविहीन विपक्ष बजट पर चर्चा से बच रहा है। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने प्रश्नकाल के बाद ही मुद्दे को उठाने का आग्रह किया पर विपक्ष नहीं माना। सदन स्थगित होने के बाद करीब डेढ़ घंटा विपक्षी सदस्य वेल में धरने पर बैठे रहे। धरने की जबरन समाप्त करने की तैयारी होने लगी थी तो बसपा दल नेता लालजी वर्मा के पुत्र का निधन होने की सूचना मिलने पर विपक्ष ने स्वयं धरना खत्म कर दिया।

Posted By: Shweta Mishra