जर्मनी के इत‍िहास में 3 अक्‍टूबर का द‍िन बेहद खास है क्‍योंक‍ि इसी द‍िन यहां पर अलगाव करने वाली दीवार ग‍िराई गई थी। हाथों से ग‍िराई गई दीवार ने लोगों के द‍िलों को आपस में जोड़कर एक नया कीर्तिमान रचा था। आइए जानें इस दीवार का राज और 3 अक्‍टूबर को जर्मन यून‍िटी डे मनाए जाने के बारे में...

बर्लिन दीवार खड़ी की गई
दूसरे विश्वयुद्ध के बाद जर्मनी अलगाव की भेंट चढ गया था। यह देश दो भागों में बंट गया था। जर्मनी को बांटने के लिए 1961 में बर्लिन दीवार खड़ी की गई थी। इसके बाद अकेला जर्मनी डेमोक्रेटिक रिपब्िलक ऑफ जर्मनी ईस्ट और फेडरल रिपब्लिक ऑफ जर्मनी वेस्ट दो भागों में बंट गया था।

इन पार्टियों का वर्चस्व

पश्चिमी जर्मनी अमेरिका व यूरोपीय देशों से रिश्ते मजबूत करने लगा था। 1982 में क्रिश्चियन डेमोक्रेट पार्टी के हेलमुट कोल पश्चिमी जर्मनी के नए चांसलर बने। उस समय पश्चिमी जर्मनी का काफी आर्थिक विकास हुआ था। वहीं 1989 में पूर्वी जर्मनी में कम्युनिस्ट पार्टी का वर्चस्व खत्म हुआ।


जर्मनी बन गया एक देश
9 नवंबर, 1989 को लाखों की संख्या में लोग एकत्र हुए। इन लोगों ने हाथों से दीवार को तोड़ना शुरू कर दिया था। दीवार को गिराना आसान नहीं था लेकिन लोगों की एकता की ताकत ने उसे औपचारिक रूप से 3 अक्टूबर, 1990 को गिराकर पूर्वी व पश्चिमी जर्मनी को एक कर दिया था।
एक होकर फिर मजबूत हुए
इसके बाद यह से जर्मनी में इस दिन जर्मन यूनिटी डे मनाया जाने लगा। वहीं जर्मनी के एक होने के बाद क्रिश्चियन डेमोक्रेट पार्टी के हेलमुट कोल दोबारा जर्मनी के पहले चासंलर चुने गए। एक होने के बाद पश्चिमी जर्मनी ने पूर्वी जर्मनी को फिर से मजबूत बनाने के कई लाख करोड़ यूरो खर्च किए थ्ो।
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Posted By: Shweta Mishra