व‍ित्‍तमंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को साल 2018 का आम बजट पेश करने वाले हैं। यह उनका पांचवां बजट होगा। हर साल बजट कैसा होगा इस बारे में पहले से स‍िर्फ अंदाजे लगाए जाते हैं क्‍योंक‍ि इसके बारे में बजट पेश होने के बाद ही पता चलता है। इसका कारण है क‍ि बजट बेहद सीक्रेसी से तैयार होता है। बजट रूप से लेकर बजट प्रेस तक सबकुछ बेहद गोपनीय होता है। आइए जानें बजट की सीक्रेसी के बारे में...


बजट प्रक्रिया सितंबर से शुरु हो जातीआम बजट पूरे एक साल का होता है। यह साल एक नए रूप में तैयार होता है। सामान्‍य तौर पर बजट बनाने की प्रक्रिया सितंबर में ही शुरु हो जाती है। इसे बेहद सीक्रेट रखा जाता है। बजट रूम से लेकर बजट प्रेस तक गोपनीयता का विशेष ख्‍याल रखा जाता है। इंटरनेट कनेक्शन तक काट दिया जाताजहां पर बजट बनता है वहां और जो अधिकारी इस प्रक्रिया से जुड़े होते हैं उनके ऑफिस का इंटरनेट कनेक्शन तक काट दिया जाता है। कोई बाहरी सदस्‍य इन जगहों पर नहीं जा सकता है। यहां जक की नार्थ ब्लॉक में पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगा दी जाती है।खुफिया एजेंसियां पल-पल रखती नजर


नार्थ ब्लॉक स्थित वित्त मंत्रालय के बजट डिवीजन किसी वॉर रूम से कम नहीं होता है। यहां पर खुफिया एजेंसियां पल-पल की खबर के लिए काफी एक्‍टिव होकर नजर रखती हैं। बजट तैयार होने के बाद बजट छपना शुरू होता है। यहां भी खास गोपनीयता होती है। बाहरी दुनिया से नहीं रहता कोई मतलब

बजट छपने के लिए बजट पेश होने से तीन सप्ताह पूर्व करीब 60 से 70 कर्मचारी नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में भेजे जाते हैं। इन कर्मचारियों का भी बाहरी दुनिया से कोई मतलब नहीं रहता है। यहां तक की उनके लिए बाहर से जो चीज आती है वह भी वापस नहीं जाती है। बजट पेश होने के बाद बाहर निकलते यहां पर ये लोग दो मशीनों पर बजट छपाई करते हैं। इस दौरान करीब 3 से 4 हजार के बीच प्रतियां छापी जाती हैं। इसके बाद प्रूफ रीडिंग, अनुवाद और वाइंडिंग आदि का काम पूरी गंभीरता के साथ करते हैं। बजट पेश होने तक ये कर्मचारी बाहर नहीं निकलते हैं।

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Posted By: Shweta Mishra