उपश्रम आयुक्त की अध्यक्षता में बाल हितैषी कुम्भ बनाने पर मंथन

ALLAHABAD: कुंभ में बच्चे लापता होते हैं और दिव्यांग बच्चों को लोग छोड़कर मेले में चले जाते हैं। ऐसे में बच्चों का रखने के लिए शेल्टर की संख्या कम पड़ जाती है। लापता बच्चों को उनके परिजनों तक पहुंचाने में समय भी लगता है। मेले में ऐसे बच्चों को परिजनों तक पहुंचाने के लिए अतिरिक्त बाल गृह और बाल कल्याण समिति के गठन की जरुरत है। यह कहना था उप श्रम आयुक्त राकेश द्विवेदी का। उनकी अध्यक्षता में शनिवार को महफूज़ की बैठक में बाल हितैषी कुंभ बनाने पर मंथन किया गया।

ये दिए गए सुझाव

मेला अवधि तक के लिए किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत अतिरिक्त बाल कल्याण समिति तथा किशोर न्याय बोर्ड का गठन हो तथा मेला क्षेत्र में उनकी प्रतिदिन बैठक हो

सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को बाल श्रम एवं कामकाजी बच्चो से मुक्त रखने के लिए श्रम विभाग की टीम को निर्देशित एवं प्रशिक्षित कराया जाए

रेस्क्यू सेंटरों की लोकेशन व फोन/मोबाइल नंबर तथा यूपी 100, चाइल्डलाइन (1098), वुमेन पॉवर लाइन (1090), आशा च्योति केंद्र (181), एम्बुलेंस (102 व 108) आदि के बारे में निरंतर जानकारी सूचना एवं जनसंपर्क विभाग तथा अन्य विभागों व संस्थाओं द्वारा संचालित साइनबोर्ड, ग्लो साइन तथा दृश्य व मुद्रित प्रचार सामग्री में विस्तार पूर्वक अंकित किया जाए

Posted By: Inextlive