⁄ Laungi Bhuiyan canal man from Bihar digs out 3 kilometer canal single handed without any help and he becomes inspiration for rainwater harvesting
India के कैनाल मैन ने 30 साल में अकेले खोद डाली 3 किमी लंबी नहर, देश के दिग्गज बिजनेसमैन ने तारीफ के साथ दिया लाखों का ये गिफ्ट
मन में हौसला और इरादों में बुलंदी हो तो कोई भी लक्ष्य नामुमकिन नहीं होता. सफलता की राहों में मुश्किलें भी खूब इम्तेहान लेती हैं. लेकिन सच्ची लगन और मेहनत से सफलता जरूर मिल जाती है. जोश और जज्बे की कुछ ऐसी ही मिसाल हैं बिहार के गया में रहने वाले लौंगी भुइयां. दुनिया में आज यह &कैनाल मैन&य के नाम से भी फेमस हैं. जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर 30 वर्षों में 3 किमी से ज्यादा लंबी नहर बना डाली.
पटना (उज्ज्वल कुमार) | माउंटेनमैन दशरथ मांझी ने पहाड़ का सीना चीर कर रास्ता बनाया था तो लौंगी भुइयां ने पहाड़ के पानी को गांव तक लाने के लिए जंगल को चीर कर अकेले अपने बूते 3 किमी लंबा कैनाल बना दिया. आज भी इनकी मुहिम खत्म नहीं हुई है. आज उनकी उम्र करीब 65 साल हो चुकी है. पिछले तीन दशक से वे नहर की खुदाई में लगे हैं. आज बंगेठा के जंगल से नहर खोद कर बारिश का पानी अपने गांव के तालाब तक पहुंचा चुके हैं. इसी जंगल में बारिश का पानी रोकने के लिए लौंगी अकेले आठ बांध भी बना चुके हैं और आठ बांध और बनाने का लक्ष्य रखा है. पढ़ें दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ये स्पेशल रिपोर्ट।
फैमिली, गांव के लोग कहते थे पागल जब लौंगी भुइयां ने 1990-91 में नहर की खुदाई का काम शुरू किया था, तब उम्र करीब 30 साल होगी. उस समय गांव के लोगों ने पागल करार दे दिया. परिवार को लगा कि भूत-प्रेत का साया है. उन्हें ओझा-गुनी के पास ले जाया गया. लेकिन उनकी झाड़-फूंक का भी फर्क नहीं पड़ा. रोज सुबह आठ बजे तक निकल जाना और शाम में चार-पांच बजे तक लौटना डेली रुटीन बन गया था. खीझ कर घर के लोगों ने खाना-पानी तक बंद कर दिया. ऐसे में वे हफ्ते में कई-कई दिनों तक गांव वालों के यहां खाना खाते थे. इसके बाद वे नहर की खुदाई में जुट जाते.
रेनवाटर हार्वेस्टिंग की पेश की मिसाल कोठिलवा गांव, बिहार के गया की बांके बाजार तहसील में स्थित है. यह गया से करीब 80 किमी दूर है. गांव की टोटल पॉपुलेशन 733 है और कुल 110 घर हैं. लौंगी भुइयां ने भले कभी स्कूल नहीं देखा. कोई स्कूल या कॉलेज में पढ़ाई नहीं की. लेकिन ज्योग्राफिकल कंडीशन की समझ है. तभी तो जंगलों में पानी को रोकने के लिए आठ डैम बना डाले. आठ और बनाने की प्लानिंग है. आज इनके बनाए नहर से गांव के दो तालाबों में साल भर बारिश का पानी जमा रहता है. मॉनसून के दिनों में पास के ही छोटे से बांध में पानी जमा हो गया था. अब गांव के लोगों ने इसका नाम लौंगी बांध रख दिया है. इसी बांध से निकलती हुई नहर लौंगी ने खोदी है.
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