मध्य प्रदेश की सरकार देशव्यापी लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों को वापस लाने की प्रक्रिया अपना रही है। मध्य प्रदेश में अब तक राजस्थान गुजरात समेत अन्य राज्यों से करीब 20000 से अधिक मजदूरों को वापस लाया जा चुका है।

भोपाल (पीटीआई)। मध्यप्रदेश सरकार ने गुरुवार को कहा कि लाॅकडाउन के दाैरान अब तक करीब 20,000 से अधिक प्रवासी मजदूरों को वापस लाया गया है। ये मजदूर कोरोना वायरस के चलते लगे लाॅकडाउन से दूसरे राज्यों में फंसे थे। इस संबंध में अतिरिक्त मुख्य सचिव आईसीपी केशरी जो राज्य नियंत्रण कक्ष के प्रभारी ने कहा कि अब तक कम दूसरे राज्यों में फंसे करीब 20,000 प्रवासी मजदूरों को वापस मध्य प्रदेश लाया जा चुका है। राजस्थान के जैसलमेर, नागौर, जोधपुर और जयपुर शहर से 200 बसों के जरिए यात्रा करके बड़ी संख्या में मजदूर मध्य प्रदेश के नीमच, आगर-मालवा, श्योपुर और गुना की एंट्री प्वाइंट में पहुंचे हैं। इन मजदूरों का पहले मेडिकल चेकअप फिर उनके घर भेजा जाएगा।

गुजरात से लगभग 500 लोगों को वापस लाया गया
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा गुजरात से लगभग 500 लोगों को वापस लाया गया है। इसके अलावा कम से कम 2,000 से 3,000 मजदूर हर दिन पैदल ही राज्य की सीमाओं पर पहुंच रहे हैं। राजस्थान के उन 3,000 मजदूरों को जो मध्य प्रदेश के अंदर फंसे हुए थे उन्हें उनके गृह राज्य वापस भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों में 30,000 मजदूर फंसे हुए थे, वे पिछले पांच दिनों में उनके गृहनगर वापस भेज दिए गए।

उत्तर प्रदेश से 3,000 मजदूरों को वापस लाया जाएगा

वहीं राजस्थान से कम से कम 7,000 और उत्तर प्रदेश से 3,000 मजदूरों को गुरुवार को वापस लाया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि इस दाैरान गोवा से 1,600 श्रमिकों को वापस लाने की व्यवस्था की जा रही है। इस बीच लाॅकडाउन के दाैरान दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों ने अपने राज्य लाैटने पर खुशी जाहिर की। बता दें कि देश में लाॅकडाउन की वजह से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में फंंसे पड़े हैं।

Posted By: Shweta Mishra