Lohri 2020 भारत के राष्ट्रपति ने लोहड़ी मकर संक्रांति पोंगल भोजली बिहू उत्तरायण और पौष के त्योहारों की देश वासियों को शुभकामनाएं दीं। मकर संक्रांति के एक दिन पहले मनाई जाने वाला लोहड़ी उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध त्योहार है और यह पूरे देश में मनाया जा रहा है।


नई दिल्ली (एएनआई)। मकर संक्रांति से पहले लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है। आज पूरे देश में इसे धूम-धाम से मनाया जा रहा है। वहीं इस त्योहार की पूर्व संध्या में पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ काेविंद ने अपने संदेश में कहा कि मैं लोहड़ी, मकर संक्रांति, पोंगल, भोगली बिहू, उत्तरायण और पौष के अवसर पर भारत और विदेशों में सभी साथी नागरिकों को शुभकामनाएं और शुभकामनाएं देता हूं। भारत त्योहारों का देश है। देश भर में विभिन्न नामों और रूपों के तहत मनाए जाने वाले त्यौहार हमारे किसानों की अथक मेहनत के लिए हमारे सम्मान के प्रतीक हैं। नई फसल की खुशी साझा करने के प्रतीक हैं ये त्योहार


इतना ही नहीं शुभकामाना संदेश में राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि ये त्योहार उनके परिवार और समुदाय के साथ नई फसल की खुशी साझा करने के प्रतीक हैं जो देश की आत्मा में एक-दूसरे से लिप्त हैं। सभी समुदाय आपसी प्रेम, स्नेह और भाईचारे की भावना के साथ इन त्योहारों को मनाते हैं। देश के भौगोलिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक एकीकरण में इस तरह के त्योहारों का अमूल्य योगदान है। मुझे विश्वास है कि ये त्यौहार शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और एकता की भावना को और मजबूत करने में मदद करेंगे और राष्ट्र की समृद्धि और खुशी को बढ़ाएंगे।

लोहड़ी का पर्व मुख्यत: पंजाब में धूमधाम से मनाया जातालोहड़ी मुख्यत: पंजाब का पर्व है। लोहड़ी यानी ल (लकड़ी) और ओह (गोहा यानी सूखे उपले) और ड़ी (रेवड़ी) लोहड़ी के प्रतीक हैं। कहते हैं कि लोहड़ी दक्ष प्रजापति की पुत्री सती के योगाग्नि-दहन की याद में ही जलाई जाती है। लोहड़ी से कई दिन पहले ही लोहड़ी के लोकगीत गाकर लकड़ी और उपले इकट्ठे किए जाते हैं। इसके बाद किसी चौराहे या मुहल्ले में खुले में यह आग जलाई जाती है और इसकी परिक्रमा की जाती है।रेवड़ी, मूंगफली, मक्के के भुने दाने अग्नि की भेंट किए जाते हैं तथा ये ही चीजें प्रसाद के रूप में लोगों को बांटा भी जाता है।

Posted By: Shweta Mishra