वर्ष 1971 में 206 वोट से विजेता बने थे सरदार स्वर्ण सिंह
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JAMSHEDPUR:झारखंड राजनैतिक गलियारों में हमेशा से अनिश्चितता का पर्याय बना रहा है. आज जहां लोकसभा के प्रत्याशी अपने चिर प्रतिद्वंदियों को लाखों और हजारों वोट के अंतर से हराते हैं, लेकिन एक वह दौर भी जमशेदपुर की लोकसभा सीट ने देखा है जब 29.92 प्रतिशत वोटर्स ने ही वोट डाले. कम वोटिंग के फैसला महज 206 वोट के अंतर से हुआ. वर्ष 1971 के चौथे लोकसभा चुनाव में जमशेदपुर लोकसभा से तीन लाख से अधिक वोटर्स ने भाग लिया था, लेकिन 29.92 प्रतिशत वोटर ने वोट किया था. कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे सरदार स्वर्ण सिंह को 48073 वोट मिले थे, जबकि कम्युनिस्ट पार्टी के केदार जाधव को 47867 वोट प्राप्त हुए और वह स्वर्ण सिंह से महज 206 वोट से जीत गए. चौथे लोकसभा चुनाव में इस तरह वोटिंग प्रशित गिरना लोकतंत्र के लिए खतरा था. जबकि 1967 में हुए लोकसभा चुनाव में 47.34 प्रतिशत वोटिंग हुई थी और कम्यूनिस्ट पार्टी के एससी प्रसाद ने कांग्रेस के उदय मिश्रा को 40702 वोट से मात दी थी.
डॉ अजय को सबसे ज्यादा वोटजमशेदपुर लोकसभा चुनाव में 2011 में डा. अजय कुमार ने अपने प्रतिद्वंदी डी गोस्वामी को 155726 वाटों से पराजित कर जमशेदपुर लोकसभा सीट से सबसे अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज करने वाले सांसद बन गए. इस चुनाव में डा. अजय कुमार ने झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर मैदान में उतरे और उन्होंने 276582 वोट प्राप्त किए, अजय कुमार के विरुद्ध उतरे भाजपा के निदेशानंद गोस्वामी को कुल 120856 वोट प्राप्त हुए, जबकि जेएमएम के टिकट पर सुधीर महतो ने 1 लाख 15 हजार वोट का आंकड़ा छू लिया. जेएमएम के आस्तिक माहतो को 99 हजार तो वहीं कांग्रेस के बन्ना गुप्ता को 49 हजार वोट प्राप्त हुए. वोटिंग प्रतिशत में जमशेदपुर सीट भी अव्वल रही है. 1980 लोकसभा चुनाव से ही जमशेदपुर 50 प्रतिशत से ऊपर की वोटिंग करता रहा रहा है.
66.33 प्रतिशत मतदानजमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक वोटिंग 2014 के चुनाव में हुई जब 66.33 प्रतिशत लोगों ने चुनाव में वोट डाले. जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र में एक मौका और रहा जब लोगों ने अपने चहेते स्टॉर भगवान श्रीकृष्ण की भूमिका निभाने वाले संजीव भारद्वाज के लिए 1996 में हुए आम चुनाव में बीजेपी के टिकट से संजीव ने इंदर सिंह नामधारी को 55000 वोट से हराया था, इस साल जमशेदपुर लोकसभा में 59.2 प्रतिशत वोट बरसे. लेकिन दो साल बाद 1998 में हुए चुनाव में यह प्रतिशत 60 पहुंच गया. यह जमशेदपुर के इतिहास के लिए एक कीर्तिमान रहा. हलांकि 1999 में 2004 और 2009 में प्रतिशत गिरकर क्रमश: 54.74, 56.59 और 51.12 प्रशित रह गया. 2011 में यह 52.93 प्रतिशत वहीं 2014 में एक बार चरम पर पहुंच गया. 2019 लोकसभा चुनाव में भी जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा जिले के लोगों से अधिक से अधिक मतदान करने की अपील की जा रही है.