मोदी सरकार की तेज कार्यशैली से चीनी सरकार में डर का माहौल देखने लायक है. इधर पीएम मोदी ने इंडिया में मेक इन इंडिया कैंपेन की शुरूआत की तो उधर चीन ने अगले ही दिन मेड इन चाइना कैंपेन लांच कर दिया है. इस योजना को चीनी सरकार द्वारा भारत की मेक इन इंडिया कैंपेन की प्रतिस्‍पर्धा के रूप में देखा जा रहा है.


इंडिया को चाईना ने किया कॉपीचीनी सरकार ने काम के मामले में मोदी सरकार को कॉपी करना शुरू कर दिया है. दरअसल चीनी सरकार ने अपने मेड इन चाइना कैंपेन की शुरूआत उस वक्त की जब भारत अपने दूतावासों के द्वारा दुनियाभर में मेक इन इंडिया कैंपेन लांच कर रहा था. गौरतलब है कि चीन के ग्वांगझू, शंघाई और हॉंगकॉंग की इंडियन एंबेसीज में मेक इन इंडिया कल ही लांच हुआ था. चीन ने बढ़ाया रिसर्च पर खर्चा


चीन ने अपने मेड इन चाइना कैंपेन को लांच करके रिसर्च एवं डेवलपमेंट एक्टिविटीज में खर्च को बढ़ा दिया है. इसके साथ ही हाईटेक इंपॉर्ट को भी बढ़ाया गया है. गौरतलब है कि चीनी सरकार ने अपने देश में रिसर्च एवं डेवलपमेंट पर पैसा खर्च करने वाली कंपनियों को टैक्स में छूट देने का प्रावधान रखा है. इन कंपनियों में एविएशन, बायो-मेडिसन उत्पादन, रेलवे एवं जहाज निर्माण, कंप्यूटर-टेलीकम्यूनिकेशन और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों से जुड़ी कंपनियां शामिल होंगी. भारत से बचाना है बिजनेस

मेड इन चाइना कैंपेन से चीनी सरकार चीन के छोटे और मिड-साइज बिजनेस ऑर्गनाइजेशंस को रिसर्च एवं डेवलपमेट की दिशा से मजबूत बना सके. चीन चाहता है कि उसके व्यापार को किसी भी तरह से भारत के मेक इन इंडिया कैंपेन से बचाया जा सके. गौरतलब है कि भारत में रैडटेपिज्म और लेटलतीफियों के चलते इंटरनेशनल बिजनेस ऑर्गनाइजेशंस इंडिया आने से बचते हैं. अगर मोदी के प्रयासों से स्थिति बदलती है तो इंडिया में विदेशी निवेश आना शुरू हो सकता है और इसका सीधा नुकसान चीन को हो सकता है.

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Posted By: Prabha Punj Mishra