महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान के बीच सूत्रों के अनुसार शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने बागी विधायकों को आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए शनिवार दोपहर गुवाहाटी के रैडिसन ब्लू होटल में एक बैठक बुलाई है।


गुवाहाटी (एएनआई)। महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में राजनीतिक संकट के बीच शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने बागी विधायकों की एक बैठक बुलाई है। शिंदे पार्टी के 38 विधायकों और नौ निर्दलीय विधायकों के साथ 22 जून से रैडिसन ब्लू होटल में ठहरे हुए हैं। इसी बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी शनिवार को दोपहर 1 बजे पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। बैठक शिवसेना भवन में होगी जिसमें मुख्यमंत्री वर्चुअल रूप से शामिल होंगे। इससे पहले शुक्रवार को उद्धव ठाकरे ने जिला प्रमुखों की एक बैठक बुलाई, जिसमें उन्होंने कहा कि गुवाहाटी में डेरा डाले हुए बागी विधायक पार्टी को तोड़ना चाहते हैं।मेरा सत्ता से कोई लेना-देना नहीं


उद्धव ठाकरे ने अपने वर्चुअल संबोधन के दौरान कहा कि मैंने पहले भी कहा है कि मेरा सत्ता से कोई लेना-देना नहीं है। जो लोग कहते थे कि वे शिवसेना छोड़ने के बजाय मर जाएंगे, वे आज भाग गए हैं। ठाकरे ने कहा कि उन्होंने विद्रोह पर "संदेह" किया और खुलासा किया कि एकनाथ शिंदे जो बागी हो गए थे, उन्होंने भाजपा के साथ जाने के इच्छुक विधायकों के सामने इस मुद्दे को उठाया था। उद्धव ने कहा कि बागी विधायक पार्टी तोड़ना चाहते हैं। मैंने सपने में कभी नहीं सोचा था कि मैं मुख्यमंत्री बनूंगा। मैंने वर्षा बंगला छोड़ा है लेकिन लड़ने की इच्छा नहीं है। मैनें शिंदे के लिए सबकुछ कियाशिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि मैंने एकनाथ शिंदे के लिए सब कुछ किया। मैंने उन्हें वह विभाग दिया जो मेरे पास था। उनका अपना बेटा एक सांसद है और मेरे बेटे के बारे में टिप्पणियां की जा रही हैं। मेरे खिलाफ बहुत सारे आरोप लगाए गए हैं। उद्धव ने आगे कहा कि अगर शिंदे में हिम्मत है तो शिंदे बालासाहेब और शिवसेना का नाम लिए बिना लोगों के बीच जाएं। इस बीच एकनाथ शिंदे और बागी विधायकों ने शुक्रवार को डिप्टी स्पीकर नरहरि झिरवाल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया।सदस्यता रद्द करने की मांग

इससे पहले गुरुवार रात शिवसेना ने राज्य विधानसभा के उपाध्यक्ष के समक्ष एक याचिका दायर कर एकनाथ शिंदे सहित 12 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी, जो बुधवार को हुई विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। शिंदे के अलावा शिवसेना ने प्रकाश सुर्वे, तानाजी सावंत, महेश शिंदे, अब्दुल सत्तार, संदीप भुमारे, भरत गोगावाले, संजय शिरसत, यामिनी यादव, अनिल बाबर, बालाजी देवदास और लता चौधरी को अयोग्य ठहराने की मांग की थी। याचिका अजय चौधरी द्वारा दायर की गई है, जिन्हें शिवसेना द्वारा शिंदे को पद से हटाए जाने के बाद विधायक दल का नेता नियुक्त किया गया था।

Posted By: Kanpur Desk