धधका मणिपुर : भड़की भीड़ ने फूंके मंत्री व विधायकों के घर, 3 विधेयक बने कारण
ये है कारण
गौरतलब है कि विधानसभा में पारित इन विधेयकों के विरोध में सोमवार को तीन आदिवासी छात्र संगठनों ने 12 घंटे बंद का आह्वान भी किया था। ऐसे में ये भी बताया जा रहा है कि इस आगजनी के पीछे उन संगठनों का भी हाथ हो सकता है। विधेयकों के बारे में बताते चलें कि यहां राज्य विधानसभा में तीन ऐसे विधेयक पारित हुए हैं, जो सूबे की जनता को रास नहीं आए हैं।
आगे लगाने वाला एक खुद गंभीर रूप से जला
इन विधेयकों में से एक विधेयक बाहरी लोगों को राज्य में प्रवेश को परमिट सिस्टम के माध्यम से नियंत्रित करने से भी जुड़ा है। खासतौर पर इस विधेयक के पारित होने के बाद लोग और भी ज्यादा हिंसक हो गए। इसके चलते सात नेताओं (मंत्री, विधायकों व सांसद) के घरों को आग लगा दी गई है। बताया गया है कि घरों में आग लगाने वालों में शामिल एक व्यक्ति भी गंभीर रूप से जल गया है। इलाज के लिए उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ये हैं वो तीन विवादास्पद विधेयक
सोमवार को विधानसभा में जो तीन विधेयक पारित हुए हैं, उनमें 'द प्रोटेक्शन ऑफ मणिपुर पीपुल बिल 2015', 'द मणिपुर लैंड रेवन्यू एंड लैंड रिफॉर्म्स (सातवां संशोधन) बिल 2015', 'द मणिपुर शॉप्स एंड इस्टेबिल्समेंट्स (दूसरा संशोधन) बिल 2015' शामिल हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मणिपुर (बाहरी) से सांसद थांगसो बाते, सूबे के स्वास्थ्य मंत्री फुंगजापहांग तोनसिंग और पांच विधायकों के घरों में आग लगाई गई है।