- हर मार्कशीट की होगी जांच

- कुलपति कराएंगे तीन स्तर पर जांच

- कॉलेज और मैनेजमेंट भी करेंगे जांच

AGRA। कॉलेजेस में कांट्रेक्ट पर रखे जाने वाले टीचर्स की नियुक्ति की प्रक्रिया के दौरान एक अभ्यर्थी के पास से मिली फर्जी मार्कशीट के बाद अंबेडकर यूनिवर्सिटी के कान खड़े हो गए हैं। अब फर्जीवाड़े को रोकने के लिए तीन स्तर पर मार्कशीट्स की जांच होंगी।

कुछ यूं खुला मामला

खंदारी परिसर स्थित विवि गेस्ट हाउस में मंडे को फिजिक्स के लिए इंटरव्यू थे, सिलेक्शन कमेटी में बैठे डॉ। विंदुशेखर शर्मा के सामने एसएस मेमोरियल कॉलेज, उसायनी, फिरोजाबाद की तरफ से तीन टीचर्स के डॉक्यूमेंट रखे गए। इनमें आवागढ़ एटा के प्रदीप कुमार के डॉक्यूमेंट पर उन्हें शक हुआ। जांच में पता चला कि कैंडिडेट ने ख्009 में आरबीएस कॉलेज से एमएससी की थी। उसके पास से मिली मार्कशीट्स भी गड़बड़ थी। उसने बताया कि उसने क्.ख्0 लाख रुपये में लखनऊ के किसी व्यक्ति से पीएचडी की डिग्री खरीदी है।

यूनिवर्सिटी हुई एलर्ट

इस खबर के बाद यूनिवर्सिटी में सभी चौकन्ने हो गए हैं। इसके लिए तीन स्तरीय जांच की तैयारी की गई है। कुलपति ने इसकी पहल की है। इसके लिए कुलपति ने साफ कर दिया है कि पहले कॉलेज और मैनेजमेंट स्तर से जांच होगी। उसके बाद इंटरव्यू लेने वाली कमेटी जांच करेगी और सबसे जरूरी स्तर रजिस्ट्रार और कुलपति से स्तर भी अब जांच होगी।

रोकना होगा फर्जीवाड़ा

इस खबर के बाद कुलपति प्रो। मुज्जमिल ने कहा कि वे किसी भी कीमत पर फर्जीवाड़ों पर रोक लगाएंगे। इसके लिए हर स्तर से पहल करनी होगी। उन्होंने कहा कि मैं खुद मार्कशीट जांचने की प्रक्रिया को अपनी निगरानी में रखूंगा। बता दें कि इससे पहले भी अंबेडकर यूनिवर्सिटी में कई फर्जीवाड़े हो चुके हैं। उनकी जांच अभी चल रही है। तीन कर्मचारी सरेंडर कर चुके हैं और दो अभी भी फरार हैं। इसलिए कुलपति अब कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं।

Posted By: Inextlive