- मेयर के पक्ष में एक भी वोट नहीं पड़ा, जबकि विपक्ष में 38 वोट पड़े

- मेयर को हटाने में तीसरी बार पार्षदों को मिली सफलता

- महिला पार्षद मेयर के व्यवहार से होती थी अपमानित

- अब 30 दिनों के अंदर बिहार चुनाव आयोग करायेगा मेयर का चुनाव

PATNA : लंबे समय से राजधानी पटना का विकास ना होना मेयर अफजल इमाम को भारी पड़ा। पार्षदों ने मेयर के विरोध में अविश्वास प्रस्ताव पारित कर अफजल इमाम को निगम से बाहर का रास्ता दिखा दिया। पटना स्थित सामुदायिक भवन में मेयर के पक्ष में एक वोट भी नहीं पड़ा, जबकि विपक्ष में पार्षदों ने फ्8 वोट डाले।

अब काम करने में होगी आसानी

मेयर के हटने पर विपक्षी खेमे के पार्षदों में गजब की खुशी देखने को मिली। पार्षदों ने एक सुर में कहा कि अब तानाशाही खत्म हो गयी जिससे अब पार्षदों को काम करने में आसानी होगी। खासकर महिला पार्षदों के बीच सुकून का माहौल था, जहां ये कह रही थी कि अब महिलाओं के साथ बदसलूकी खत्म हो गयी। वहीं उपमहापौर ने भी इसे नारी शक्ति की जीत बताया। इसके बाद अब बिहार चुनाव आयोग एक माह के अंदर मेयर के चुनाव की अधिसूचना जारी कर चुनाव करायेगा। नगर आयुक्त कपिल अशोक ने बताया कि इस अविश्वास प्रस्ताव की रिपोर्ट वो बिहार चुनाव आयोग को भेजेंगे।

मेयर हुये क्लीन बोल्ड

सामुदायिक भवन में विपक्षी खेमे का माहौल शुरू से अच्छा दिख रहा था। हर पार्षद की आंखें इशारों-इशारों में बहुत कुछ बातें कर रही थीं। इस खेमे का आत्मविश्वास रंग लाया और जब काउंटिंग हुई तो खुशी से सारे पार्षद झूम उठे। इस दौरान अविश्वास प्रस्ताव के विपक्ष में एक भी वोट नहीं पड़े, जबकि पक्ष में फ्8 वोट पड़े। सूत्रों की मानें तो मेयर समर्थकों को पहले ही अपने आंकड़े कम होने का अंदेशा हो गया था इसलिये चुनाव के समय फ्0 पार्षदों ने वोट नहीं दिया।

फ्0 पार्षदों ने नहीं दिया वोट

अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सभी 7ख् पार्षदों में से सिर्फ ब्ख् पार्षदों ने ही वोट दिये, बाकी के फ्0 पार्षदों ने वोट प्रक्रिया में हिस्सा ही नहीं लिया, जिसमे से चार वोट इनवैलिड हो गए।

तीसरी बार में मिली सफलता

जानकारी हो कि इससे पहले भी दो बार अविश्वास प्रस्ताव पारित कराने का असफल प्रयास किया गया था, लेकिन दोनों बार अफजल ईमाम ने अपनी मेयर की कुर्सी बचा ली थी। इस बार अफजल के रवैये से राजधानी का हाल बेहाल होता देख पार्षदों ने कड़ा फैसला लिया और मेयर के विपक्ष में फ्8 वोट डाले।

चुनाव की रिपोर्ट बिहार चुनाव आयोग को भेजी जाएगी, जिसके बाद आयोग एक माह के अंदर मेयर चुनाव की अधिसूचना जारी कर चुनाव होगा।

- कपिल अशोक, नगर आयुक्त

नारी शक्ति की यह जीत है। अब शहर में बेहतर विकास कार्य होगा, जो अब तक बेपटरी हो गया था।

- रूप नारायण, उपमहापौर

मेयर के पास कोई जनहित योजना ही नहीं थी, पूरी राजधानी समस्याओं से जूझ रही थी।

- संजय सिंह, पार्षद वार्ड क्

मेयर लगातार अपने पद का दुरुपयोग कर रहे थे। कोई काम सही से नहीं हो रहा था। पब्लिक परेशान थी।

- रीता राय, पार्षद वार्ड ब्ख्

ना काम करते थे और ना ही करने देते थे। महिला पार्षदों को हमेशा अपमानित करते थे।

- सुनैना, पार्षद वार्ड क्9

विपक्ष ने गिनाए मेयर को हटाने के कारण

- मेयर के तानाशाह रवैये से परेशान थे पार्षद

- राजधानी में नहीं हो रहा था विकास कार्य

- जनहित योजना पर नहीं होते थे फैसले

- पार्षदों को बोलने का नहीं था अधिकार

- महिला पार्षदों के सम्मान पर उठता था सवाल

Posted By: Inextlive