डिफेन्स एन्क्लेव में एक पीडि़त ने की शिकायत, आवंटित प्लाट कर दिया गायब

समायोजन के उपाध्यक्ष के आदेश को किया फाइल से गायब, सचिव के निर्देश पर जांच

केस 1

एमडीए के एक कर्मचारी से झगड़ना डिफेंस एन्क्लेव आवंटी दंपति को भारी पड़ गया। हुआ कुछ यूं था कि चक्कर लगा-लगाकर थक चुके पीडि़त दंपति ने एक दिन पटल कर्मचारी से कुछ उल्टा-सीधा कह दिया। फिर क्या था? पटल कर्मचारी ने आनन-फानन से फाइल से आवंटन संबंधी दस्तावेज निकाल दिए। समायोजन के आदेश को फर्जी करार दे दिया और एमडीए उपाध्यक्ष द्वारा जारी आदेश भी हटा दिया। अब पीडि़त दंपति एमडीए के चक्कर काट रहा है।

केस 2

लोहियानगर स्कीम में एक आवंटी ने एमडीए सचिव के दफ्तर में पहुंचकर शिकायत की कि उसके प्लाट का आवंटन किसी और के नाम कर दिया गया है। अवैध आवंटन निरस्त करने के लिए पीडि़त अब प्राधिकरण के चक्कर काट रहा है। तो वहीं पटल प्रभारी ने मूल आवंटी का आवंटन निरस्त करने से पहले औपचारिकता पूरी करने के लिए कई फर्जी नोटिस जारी किया।

केस 3

गंगानगर में एक आवंटी को भी प्राधिकरण कई सालों से परेशान कर रहा है। पटल प्रभारी ने आवंटन को सिर्फ इसलिए रद कर दिया कि ले-आउट प्लान में उक्त नंबर का प्लाट नहीं दिख रहा। जबकि आवंटी का कहना था कि उसने ले-आउट प्लान देखकर की प्लाट की खरीदारी की थी। अब गत 8 सालों से आवंटी प्लाट के समायोजन के लिए चक्कर काट रहा है।

मेरठ। हताश-परेशान आवंटियों को मेरठ विकास प्राधिकरण में एक पटल से दूसरे पटल पर सालों से चक्कर काटते आप देख सकते हैं। जीवन की गाढ़ी कमाई को एमडीए में फंसाने के बाद आवंटी यहां चकरघिन्नी बना घूमता है। कुछ आवंटी ऐसे भी हैं जिन्हें दो दशक से ऊपर हो गया है, प्राधिकरण के चक्कर काटते हुए। अब डिफेंस इन्क्लेव के इस आवंटी दंपति का ही केस देख लें। आवंटी 2012 से प्राधिकरण के चक्कर काट रहा है। और महज इसलिए प्राधिकरण के पटल प्रभारी चक्कर कटा रहे हैं कि उसने गत दिनों परेशान होकर पटल प्रभारी को भला-बुरा बोल दिया था।

गायब कर दिए दस्तावेज

आवंटी दंपति ने एमडीए सचिव प्रवीना अग्रवाल को बताया कि डिफेंस एन्क्लेव में उन्होंने एक प्लॉट लिया था, जिसकी रजिस्ट्री के बाद जब वे मौके पर पहुंचे तो देखा कि प्लाट सिर्फ ले-आउट में है, मौके पर है ही नहीं। फिर क्या था, आवंटी ने एमडीए से प्लाट का पैसा वापस मांगा, जिसपर तत्कालीन एमडीए उपाध्यक्ष राजेश कुमार ने योजना में कोई दूसरा प्लाट आवंटित करने के निर्देश दिए। जिसके बाद नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से आवंटी को एक प्लाट एलॉट कर दिया गया। गत 5 सालों से आवंटी प्लाट पर कब्जे को लेकर प्राधिकरण के चक्कर काट रहा है।

चुका रहा कीमत

इसी बीच गत दिनों किसी ने बता दिया कि प्लाट की कीमत पर ब्याज वापस हो जाएगा। जिसके बाद आवंटी एक आरटीआई डालकर अपने प्लाट पर एमडीए का रुख जानना चाहा। आरटीआई का जवाब देने की हीलाहवाली पर गत दिनों आवंटी की एमडीए के कर्मचारियों के साथ नोकझोंक और कहासुनी हो गई। जिसके बाद प्राधिकरण के कर्मचारियों ने आवंटी की फाइल से आवश्यक दस्तावेज गायब कर दिए। एमडीए सचिव प्रवीना अग्रवाल के समक्ष अपनी पीड़ा बयां की जिसके बाद सचिव ने पटल प्रभारी को बुलाया। यहां पटल प्रभारी ने अधिकारी को भी गोलमोल जबाव देकर टाल दिया। जिसपर सचिव ने जांच शुरू कर दी है।

आवंटी गत वर्षो से कब्जे को लेकर चक्कर काट रहा है। फाइल में कुछ तथ्यों को नजरअंदाज कर आवंटी को प्लाट समायोजित कर दिया गया। यदि आवंटी को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है तो उसके संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

प्रवीना अग्रवाल, सचिव, मेरठ विकास प्राधिकरण

Posted By: Inextlive