अगले साल इंडियन सिनेमा सौ बरस का हो जाएगा. इस बीच उसने न जाने कितने माइलस्‍टोंस को पार किया है. आइए उन्‍हीं में से कुछ पर नजर डालते हैं.

First colour film: Kisan Kanya


1937 की फिल्म किसन कन्या इंडिया में बनी पहली कलर फिल्म थी. गरीब किसान और शोषण करने वाली जमींदार के प्लॉट वाली इस फिल्म को मोती बी ने डायरेक्ट किया था.
International recognition: Pather Panchali


सत्यजीत रे की फिल्म पाथर पंचाली (1955) वो पहली फिल्म थी जिसने इंटरनेशनल रिकग्निशन और अटेंशन पाई. इस फिल्म को पूरी दुनिया में क्रिटिक्स ने काफी सराहा और 1956 कांस फिल्म फेस्टिवल में इसे बेस्ट ह्यूमन डॉक्यूमेंट का अवॉर्ड मिला.
Women centric film: Mother India


1957 में बनी मदर इंडिया, वुमन कैरेक्टर को पुरजोर तरीके से उभारने वाली पहली फिल्मों में से एक है. ऐसी कुछ एक फिल्मों के बीच इसे ज्यादा वजन इसके स्टारकास्ट (नरगिस, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार और राज कुमार) की बेहतरीन एक्टिंग, स्टोरीलाइन और महबूब खान के डायरेक्शन की वजह से मिलता है. ये फिल्म इंडियन सिनेमा की क्लासिक्स में शुमार होती है और इसे इंटरनेशनली भी काफी सराहा गया

 

Action movie: Zanjeer


1973 में रिलीज हुई जंजीर ने हिन्दी फिल्मों में एक्शन का एक अलग ही दौर शुरू किया. एक्शन फिल्म का जॉनर स्टैब्लिश करने में जंजीर का रोल काफी बड़ा था. इस फिल्म ने अमिताभ बच्चन को एंगी्र यंग मैन के तौर पर सामने लाकर फिल्म इंडस्ट्री की सूरत काफी हद तक बदल दी. उस दौर में जंजीर ने करीब छह करोड़ रुपए कमाए थे.

New age love: Dilwale Dulhaniya Le Jayenge


यश चोपड़ा की फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे न सिर्फ उस साल की सबसे बड़ी हिट बनी बल्कि ये बॉलीवुड की सबसे ज्यादा कमाने वाली फिल्मों में से एक है. फॉरेन लोकेशंस, एनआरआई, न्यू एज यंगस्टर्स जैसे सारे मसाले मिलाकर बनाई गई डीडीएलजे बॉलीवुड की बेहतरीन फिल्मों में से एक मानी जाती है और फिल्मों के नजरिए से बहुत अच्छे ना माने जाने वाले 90ह्य के दौर में भी एक ट्रेंडसेटर बनकर उभरी.

Posted By: Garima Shukla