मशहूर शायर मिर्जा गालिब की आज 221वीं जयंती है। उर्दू शायर के रूप में विश्‍व विख्‍यात रहे मिर्जा गालिब का जन्‍म 27 दिसंबर 1797 को आगरा में हुआ था। आइए जानें जिस जगह उनका जन्‍म हुआ आज वहां का हाल कैसा है।


पीपल मंडी इलाके में पैदा हुए गालिबदुनिया आगरा को एक ऐसे शहर के तौर पर जानती है जहां ‘इक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताजमहल, सारी दुनिया को मोहब्बत की निशानी दी है’। कम ही लोग जानते हैं कि ताजनगरी मशहूर शायर मिर्जा गालिब का भी शहर है। आगरा के पीपल मंडी इलाके में पैदा हुए गालिब वक्त के साथ दिल्ली के होकर रह गए। बल्लीमारां की गलियों से उन्हें कुछ ऐसा इश्क हुआ कि मोहब्बय की नगरी की यादें कहीं पीछे छूट गईं। शहर ने भी उनके यादों को संजोकर रखने की जहमत नहीं उठाई।  गालिब के नाम पर दो मोहल्ले


मिर्जा ग़ालिब का जन्म आगरा में 27 दिसम्बर, 1797 को हुआ था। जिस शहर में उनका बचपन गुजरा और पढ़ाई लिखाई हुई वहां अब उनकी याद के नाम पर उनके नाम पर दो मोहल्ले छोटा ग़ालिबपुरा और बड़ा ग़ालिबपुरा ही हैं। आइए चहलकदमी करते हैं आगरा की उन गलियों में जहां उस सुखनवर की यादें आज भी जिंदा हैं जिसके बारे में कहते हैं कि उसका अंदाज ए बयां कुछ और ही था।जहां पैदा हुए, वहां आज कॉलेज है

पीपल मंडी स्थित इंद्रभान गर्ल्स इंटर कॉलेज। यही वह जगह है जहां गालिब का जन्म हुआ। गालिब की इस हवेली में ही आज गर्ल्स इंटर कॉलेज का संचालन होता है। मिर्जा गालिब की इस हवेली को कलां महल के नाम से जाना जाता था।पीपल मंडी स्थित गुलाबखाना गली। यह गली गालिब की हवेली के पास है। यहां गालिब अपने बचपन के साथियों के साथ खेला करते थे। यहां की गलियां इस बात की आज भी गवाह बनी हुई हैं।कश्मीरी बाजार स्थित छत्ता राजा काशी की हवेली के अवशेष, काशी नरेश के बेटे से गालिब की दोस्ती थी। जिसके साथ इसी हवेली से गालिब पतंगबाजी किया करते थे। हवेली के ओनर से बातचीत।कश्मीरी बाजार की वह गलियां, जहां टीनएज में गालिब अक्सर मुजरा सुनने जाया करते थे। वक्त बदला और आज यह क्षेत्र रेड लाइट एरिया के रूप में खासा बदनाम है।पीपल मंडी की गलियां, ये गालिब की यादों को संजोकर रखे हुए हैं। मिर्जा गालिब रिसर्च अकादमी के डायरेक्टर डॉ. सैयद इख्तियार जाफरी आज भले ही गालिब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी कृतियां यहां आज भी उनके होने का अहसास कराती हैं।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari