हाईवे के मोड़ पर गुम हो रहीं जिंदगियां
- स्पीड से चल रही गाड़ी पर नहीं हो पाता है कंट्रोल
- मोड़ पर नहीं लगे साइन बोर्ड, अचानक से आने पर नहीं समझ पाते लोग बरेली : हाईवे पर बिना संकेतक वाले मोड़ हादसे का कारण बन रहे हैं। जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे। आए दिन हादसों की खबर मिल रही है। जिसमें लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। शहर में मेन हाइवे और सड़कों पर तो बुरा हाल है। यहां से गुजरने वाले लोगों का कहना है कि अचानक से मोड़ आ जाने पर गाड़ी से कंट्रोल हट जाता है। इससे भीषण हादसे हो जाते हैं। इन प्वाइंट्स पर हादसे ज्यादा मयूर वन चेतना केंद्रपीलीभीत बाईपास रोड स्थित मयूर वन चेतना के मोड़ पर आए दिन हादसे हो रहे हैं। एक अक्टूबर को यहां कार पलटने के बाद व्यापारी के बेटे की मौत हो गई थी। लेकिन फिर भी इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। बरेली की ओर से आने पर तो मोड़ का पता चलता है लेकिन पीलीभीत की ओर से आते समय कोई संकेतक न लगे होने से हादसे हो रहे हैं।
मीरगंज हाइवेबरेली-दिल्ली हाईवे पर पहुंचते ही मीरगंज के पास डीएसएम शुगर फैक्ट्री और थाना रोड चौराहा है। यहां पर अभी तक एनएचएआइ ने कोई संकेतक नही लगाए हैं। वहीं रामगंगा नदी और गोरा घाट तक जाने वाले रोड पर कई बड़े हादसे हुए हैं।
जीरो प्वाइंट तिराहा-नवदिया झादा बरेली-लखनऊ हाईवे पर दो ब्लैक स्पॉट हैं। एक जीरो प्वाइंट इनवर्टिस यूनिवर्सिटी चौराहा वहीं दूसरा नवदिया झादा चौराहा। इनवर्टिस चौराहे पर बस के एक्सीडेंट के बाद आग लगने की घटना होने पर कुछ दिन पिकेट लगाई गई लेकिन बाद में फिर इसपर ध्यान नहीं दिया गया। इनके पास है जिम्मेदारी - एनएचएआई - पीडब्ल्यूडी - नगर निगम मोड़ का पता ही नहीं चलता - मयूर वन चेतना केंद्र से गुजरते समय मन में काफी डर रहता है, यहां कोई संकेतक नहीं लगाए गए हैं। जिससे वाहनों के आने-जाने का पता नहीं चलता। मनोज शुक्ला - नवदिया झादा पर स्थिति बहुत खराब है। इस हाइवे पर पहले पिकेट दिखाई पड़ती थी। अब वह भी नहीं है। आए दिन हादसे हो रहे हैं लेकिन प्रशासन मौन है। आशुतोष वर्जन जो भी ब्लैक स्पॉट्स हैं, वहां बोर्ड लगवाए गए थे, समय-समय पर निरीक्षण भी किया जाता है। हाइवे पर सड़क सुरक्षा व्यवस्था करने की जिम्मेदारी विभाग की नही है। हरवंश सिंह, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी