कारगिल युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवान कैप्‍टन सौरभ कालिया की मौत की अंतर्राष्‍ट्रीय न्‍यायालय में जांच के मुद्दे पर मोदी सरकार ने अपना बयान दिया. सरकार ने कहा कि कैप्‍टन कालिया की मौत की जांच इंटरनेशनल कोर्ट से कराना संभव नहीं है.


नहीं होगी आईजेसी जांचकारगिल युद्ध में शहीद हुए कैप्टन सौरभ कालिया की मौत की आईजीसी जांच पर जवाब देते हुए मोदी सरकार ने कहा कि यह संभव नहीं है कि इस मामले की जांच इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में कराई जा सके. ऐसा करने से पड़ोसी मुल्कों से हमारे रिश्तों पर बुरा असर पड़ने की पूरी संभावना है. ज्ञात हो कि 1999 में बीजेपी सरकार ने ऐसे ही एक मामले पर यूपीए सरकार को घेरने की कोशिश की थी. लेकिन अब बीजेपी ने इस मांग को सिरे से इंकार कर दिया है. कालिया का परिवार मांग रहा है न्याय


कैप्टन सौरभ कालिया के पिता एनके कालिया ने बेटे की मौत के 16 साल बाद भी न्याय की गुहार लगा रखी हैं. वर्ष 2012 में एनके कालिया ने अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी. उनकी मांग है कि विदेश मंत्रालय इस मामले को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में लेकर जाए जिससे उनके बेटे को न्याय मिल सके. कैप्टन कालिया का शव कारगिल की बर्फीली पहाड़ियों में एक गढ्ढे में मिला था और उनकी मौत ठंड की वजह से हुई थी. सामने आया कालिया का हत्यारा

कारगिल युद्ध में कैप्टन कालिया को मौत के घाट उतारने वाले पाक सैनिक ने एक कार्यक्रम के दौरान शान से कैप्टन कालिया पर गोलियां चलाने वाली घटना का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि कैप्टन अपनी टोली की तरफ बढ़ रहे जब पाक सैनिकों ने उनको देख लिया. इसके बाद उन्होंने उनको अरेस्ट करने की कोशिश की लेकिन दोनों पक्षों के बीच हुई मुठभेड़ में कैप्टन कालिया समेत छह जवान शहीद हो गए.

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Posted By: Prabha Punj Mishra