प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी शुक्रवार को दो दिवसीय रूस यात्रा से लौट कर सीधे अफगानिस्‍तान रवाना हो गए है। जहां वह अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति अशरफ गनी के साथ अफगान सदन के ज्‍वाइंट सेशन को संबोधित करेंगे। ज्ञात हो कि युद्घ् से जूझ रहे अफगानिस्‍तान में भारत ने मित्रता की मिसाल के तौर पर बनने वाली इस संसद भवन का काम 2007 में शुरू हुआ था। संसद की इस नई इमारत को भारत की ओर से अफगानिस्‍तान को लोकतंत्र की प्रतीकात्‍मक भेंट करार दिया जा रहा है।


2011 में होना था संसद का उद्घघाटनभारत की ओर से अफगानिस्तान को नई संसद की इमारत का जो तोहफा दिया गया है उसे 2011 में बन कर तैयार होना था। लेकिन इसकी तिथि दो बार बढ़ानी पड़ी। संसद भवन की डिजायन को मुगल और आधुनिक स्थापत्य कला के तर्ज पर बना कर तैयार किया गया है। इस संसद भवन को बनाने में भारत ने 9 करोड़ अमेरिकी डॉलर खर्च किए है। अशरफ गनी से मुलाकात करेंगे मोदी अफगानिस्तान में संसद के उद्घघाटन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज राष्ट्रपति अशरफ गनी से भी मुलाकात करेंगे। दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद यह कयास लगाए जारहें है कि दोनों लोकतंत्र की मित्रता को मजबूत करते हुए साझा बयान देंगे। इस दौरे पर मोदी अफगानिस्तान के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफीसर डॉ अब्दूल्ला अब्दुल्ला एवं पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई से भी मिलेंगे। अफगानिस्तान को मिले क्रिसमस में ढेरों तोहफे
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यह यात्रा अफगानिस्तान को तीन रूसह हेलीकाप्टर एमआई 25 गनशिप पहुंचाने के दो दिन बाद हो रही है। ये हेलीकाप्टर मशीनगन, रॉकेट लांच्ारों से लैस होगें। भारत ने अभी तक अफगानिस्तान में सड़के इमारतें बनाने और वहां के सैन्य बलों को ट्रेनिंग देने तक ही सीमित रखा है। अमेरिका कई बार कह यह कह चुका है कि भरत अफगानिस्तान में तालिबान से लड़ने में सैन्य सहयोग दे रहा है। पाकिस्तान भी भारत पर अफगानिस्तान में अपना प्रभाव बढ़ाने का अरोप लगा रहा है। पीएम ने किया ट्विट प्रधानमंत्री ने ट्विट कर के अपने काबुल पहुंचने की पुष्टि की है। मोदी ने कहा कि मै काबुल में अपने दोस्तों के बीच पहुंच गया हूं। वहीं अफगानिस्तान भी मोदी की इस यात्रा को लेकर खासा उत्साहित है। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी की यह पहली काबुल यात्रा है। ज्ञात हो मोदी से पहले 20111  में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने काबुल का दौरा किया था। अफगानिस्तान के पुनर्निमाण के लिए भारत ने 2 अरब डॉलर का निवेश कर रखा है। इसके अलावा वहां के अफसरों को भारत लगातार ट्रेनिंग भी दे रहा है।

Posted By: Prabha Punj Mishra