यूपीएससी एग्जाम को लेकर चल रहे विवाद के मामले में मोदी सरकार में दखल देन का फैसला पक्का कर लिया है.


कब से होने हैं एग्जाममोदी सरकार अब यूपीएससी (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) में सी-सैट एग्जाम को लेकर चल रहे विवाद के मामले में दखल देने की तैयारी में है. सरकार ने इस मामले में यूपीएससी को लेटर लिखकर सिविल सर्विस प्रीलियम्स एग्जाम की डेट को पोस्टपोन करने को कहा है, ये एग्जाम 24 अगस्त से होने हैं. सरकार चाहती है कि जब तक ये मामला सुलझ नहीं जाता यूपीएससी एग्जाम के शेडयूल को पोस्टपोन कर दिया जाए. सरकार अब इस मामले में हरकत में आती दिख रही है. पीएमओ में राज्यमंत्री जीतेंद्र सिंह का इस मामले पर कहना है कि सरकार यूपीएससी को लेटर लिखकर आग्रह करेगी कि जब तक मामला सुलझ नहीं जाता तब तक यूपीएससी के एग्जाम को टाल दिया जाए. सभी का हो जाएगा सफाया
वहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस से पास मुखर्जी नगर में कुछ स्टूडेंट्स आमरण अनशन पर बैठे हैं. हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं वाले ये स्टूडेंट्स यूपीएससी के सिविल सर्विस एग्जाम में सी-सैट के एग्जाम को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे हैं. स्टूडेंट्स का कहना है कि सी-सैट ने देश के सबसे टफ एग्जाम की वेल्यू कम कर दी है और एग्जाम में सी-सैट को लाना स्टूडेंट्स के फ्यूचर के साथ खिलवाड़ करने जैसा है. यही नहीं स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया है कि इससे हिंदी मीडियम के स्टूडेंट्स के साथ सरा-सर पार्शियल्टी की जा रही है. इस मामले की गूंज लोकसभा में भी सुनाई दी और प्रश्न काल के दौरान बीजेपी के सीनियर मिनिस्टर मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि यूपीएससी ने एग्जाम का जो नया तरीका अपनाया है, उससे हिंदी, तमिल और तेलुगू समेत सभी भारतीय भाषाओं का सफाया हो जाएगा.

Posted By: Subhesh Sharma