अगर लास्ट वीक रिलीज हुई एक मैं और एक तू को एक बढिय़ा रोमांटिक फिल्म की कैटगरी में रखा जा सकता है तो एक दीवाना था इसी कैटगरी की एक बेकार फिल्म है.

सचिन (प्रतीक) एक 22 साल का बंदा है जो एक फिल्ममेकर बनना चाहता है. सचिन को प्यार हो जाता है जेसी (एमी जैक्सन से). जेसी उसके लैंडलॉर्ड की बेटी है जिससे वह देखते ही प्यार करने लगता है. जल्द ही वह उससे अपने प्यार का इजहार कर देता है. मगर वह जल्दी पिघलने वालों में से नहीं है इसलिए वह जहां भी जाती है सचिन उसका पीछा करता रहता है. एक नाजुक मौके पर वह उसे किस करने की परमिशन दे देती है, मगर कुछ ही देर में उसका माइंड चेंज हो जाता है. सचिन फिर से उसका पीछा करने के एलेबोरेट प्लान बनाता रहता है.


फिल्म में डायरेक्टर का असिस्टेंट है मगर पूरी फिल्म में ज्यादातर वक्त वह जेसी का पीछा करने में गुजारता है. जेसी उसे डराने पर आमादा रहती है क्योंकि उसे लगता है कि वे दोनों अलग-अलग रिलीजन के हैं और वह सचिन से एक साल बड़ी भी है. इतनी ही नहीं वह इस पेंच में भी उलझी रहती है कि वह सचिन को चाहती है या नहीं चाहती है. दोनों के पैरेंट्स के बीच लड़ाइयां होती रहती हैं.


अरे नहीं कहानी इतनी भी बुरी नहीं जितनी लग रही है. थोड़े से बेहतर डायरेक्शन और शायद थोड़ी सी सेंसिटिविटी, फास्ट स्पीड और अच्छे एक्टर्स (ऊप्स, कुछ ज्यादा ही शर्तें हो गईं) के साथ शायद फिल्म बेहतर हो सकती थी. प्रतीक और एमी दोनों की ही एक्टिंग एवरेज से भी खराब है, डायरेक्शन घुमा देने वाला है, ज्यादातर प्वॉइन्ट्स पर एडिटिंग गड़बड़ है और हां फिल्म बोर कर देने की हद तक लम्बी है. यहां तक कि रहमान का म्यूजिक भी फिल्म की बोरियत दूर नहीं कर पाया. बस अच्छी बात ये है कि एमी जैक्शन प्रिटी दिखी हैं और केरल भी. मगर फिल्म के अच्छे होने के लिए इतना ही काफी नहीं है. कुछ दूसरे कैरेक्टर्स स्पेशली मनु ऋषि का काम अच्छा है.

Posted By: Garima Shukla