दशरथ मांझी की कहानी बेशक काफी प्रेरणादायक है लेकिन उसको शब्‍दों या चित्रों में बयां करना इतना आसान नहीं है। फ‍िल्‍म में मांझी नवाजुद्दीन सिद्दीकी एक दृढ़ प्रतिज्ञ व्‍यक्ति हैं। वह पहाड़ को तोड़ने में कई साल बिता देते हैं। वह ऐसा इसलिए करते हैं क्‍योंकि उनकी पत्‍नी इसी पहाड़ को पार करते समय इससे फ‍िसलकर गिर गई थी और उसकी मौत हो गई थी। उसके 22 साल बाद 1960-1982 वह अपने वादे को पूरा करने में कामयाब हो पाता है।

बे‍हतर है स्क्रिप्‍ट
फ‍िल्‍म की कहानी एक दमदार स्क्रिप्‍ट में गुथी हुई है। इसे लिखा है मेहता, महेंद्र झाकर और अंजुम राजाबलि ने। इसकी स्क्रिप्‍ट भ्रष्टाचार, जातिवाद, अछूत के प्रति दुर्व्‍यवहार, हताशा जैसे मुख्‍य बिंदुओं पर जमकर प्रहार करती है। ये देश में भयानक आपात चरण को भी दिखाती है। इस तरह की कहानी को विशेषज्ञ निष्पादन की जरूरत है, जो केतन मेहता से अच्‍छा और कोई नहीं दे सकता। ये वही केतन मेहता हैं जिन्‍होंने भावनी भवाई और मिर्च मसाला जैसी फ‍िल्‍में इंडस्‍ट्री को दीं।  
स्क्रिप्‍ट का सबसे रोचक पहलू
स्क्रिप्‍ट का सबसे रोचक पहलू ये है कि इसमें आदमी और पहाड़ के बीच रिश्‍ते को काफी अच्‍छे ढंग से दिखाया गया है। जब दशरथ पहाड़ को तोड़ने के लिए ललकारते हैं, वो संवाद सुनने और देखने में काफी दमदार हैं। उसके बाद दोनों एकदूसरे के साथ दो दशक बिता देते हैं। ऐसे में दोनों के बीच का रिश्‍ता भी पहाड़ की तरह काफी मजबूत दिखाई देता है।
Film : Manjhi
Director: Ketan Mehta
Cast : Nawazuddin Siddiqui, Radhika Apte


  
जबरदस्‍त है नवाज का अभिनय
फ‍िल्‍म में मांझी की भूमिका में नवाजुद्दीन ने जबरदस्‍त अभिनय किया है। फ‍िल्‍म को देख ऐसा लगा जैसे उसे काफी मजबूत कंधों का सहारा मिला हो। नवाज ने शुरुआत में प्रेम करने वाले एक साधारण लड़के की भूमिका अदा की, जो अपने प्‍यार को लेकर कुछ दीवाना और कुछ पागल सा नजर आया। वहीं कई जगह पर राधिका आप्‍टे जरूर ऐसी लगीं, जैसे वो फ‍िल्‍म के सेट से ताल्‍लुक ही नहीं रखतीं। इसके बावजूद उन्‍होंने अच्‍छा परफॉर्मेंस देने की पूरी कोशिश की है। दशरथ मांझी के प्रेरणादायक आत्म विश्वास और नवाज की परफॉर्मेंस के लिए फ‍िल्‍म जरूर देख्‍ाने लायक है।  
Review by : Shubha Shetty Saha
shubha.shetty@mid-day.com

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