मिस्र की सेना ने पूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक को घर में नजरबंद करने का आदेश दिया है. सेना ने यह आदेश होस्नी मुबारक की अगले सप्ताह होने वाली संभावित रिहाई के मद्देनजर दिया है.


बुधवार को मिस्र की एक अदालत ने होस्नी मुबारक को सशर्त रिहा किए जाने का आदेश दिया था.होस्नी मुबारक 2011 में उनका विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों की हत्या में मिलीभगत के आरोपों का सामना कर रहे हैं.मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति ने उनके खिलाफ़ चल रहे भ्रष्टाचार के मामले में अपील की थी. अदालत ने यह फ़ैसला उसी मामले में सुनाया था.बुधवार को अदालत का फैसला आने के बाद मुबारक के वकीलों ने उम्मीद जताई थी कि उन्हें गुरूवार को जेल से रिहा किया जा सकता है.उनके वकील फरीद अल-दीब ने कहा था, "संभव है कि कल" उनकी रिहाई हो जाए. मुबारक के वकीलों ने बताया कि मुबारक मुक़दमा शुरू होने से पहले की लंबी अवधि क़ैद में बिता चुके हैं.दोबारा सुनवाईमिस्र में हुए संघर्षों में अब तक सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं.


मिस्र की अदालत ने यह फ़ैसला उन आरोपों की सुनवाई के दौरान दिया, जिनमें कहा गया था कि पूर्व राष्ट्रपति ने सरकारी प्रकाशक अल-अहराम से उपहार लिए थे.विश्लेषकों का कहना है कि अगर मुबारक रिहा होते हैं तो कई लोग इसे सैन्य शासन की वापसी के रूप में देखेंगे.

मिस्र इस समय आपातकालीन स्थिति से गुजर रहा है और राष्ट्रपति मोहम्मद मोर्सी को सेना के हाथों अपदस्थ किए जाने का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग में काफ़ी लोगों की जान जा चुकी है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh