- करीब तीन वर्ष पहले किया था 18 करोड़ से निर्माण, अब लगेंगे 15 करोड़

- नई कंपनी ने दिया प्रपोजल, खर्च को लेकर निगम अधिकारी पसोपेश में

आगरा। शहर की सॉलिड सफाई को लेकर नगर निगम की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को लेकर अड़चनें आ रही हैं। पूरे प्लांट को लगाने में 15 करोड़ रुपए लगेंगे। जबकि कुछ वर्ष पहले ही 18 करोड़ की भारी भरकम लागत से इसका निर्माण कराया गया था। अब दोबारा प्लांट पर खर्चे ने निगम अधिकारियों की टेंशन बढ़ा दी है।

निरीक्षण में मिला था खस्ताहाल

शहर की साफ-सफाई व्यवस्था निजी हाथों को सौंपने की तैयारी है। ये कंपनी डोर-टू-डोर कचरा उठाएगी। इसके साथ ही कचरा को प्लांट में डिस्पोज भी करेगी। इस काम के लिए हरी भरी कंपनी से बातचीत चल रही है। कंपनी के प्रतिनिधियों ने 27 सितंबर को शहर का दौरा

किया। पुराने प्लांट का निरीक्षण किया। उन्होंने प्लांट को कंडम बताते हुए नया प्लांट लगाने में अनुमानित खर्च 15 करोड़ बताया है। इस खर्च को सुनकर नगर निगम अधिकारियों की नींद उड़ गई है। दरअसल पुराने प्लांट को अभी तीन साल भी नहीं हुए है। इसे नगर निगम ने तैयार करने में 18 करोड़ रुपए खर्च किए थे और ये पूरी तरह से कंडम हो चुके हैं। इसे दोबारा खड़ा करने में फिर से 15 करोड़ का खर्च अब भारी लग रहा है।

कुबेरपुर में लगाया गया है प्लांट

नगर निगम ने कुछ सालों पहले डोर-टू-डोर सफाई और कचरा डिस्पोजल करने के लिए अल्ट्रा अर्बन ट्रैक से अनुबंध किया था। कंपनी ने सफाई के संसाधन और कुबेरपुर में प्लांट लगाने में 30 करोड़ रुपए का एस्टीमेट बनाया। इसमें नगर निगम ने 18 करोड़ रुपए खर्च किए। इसके बाद नगर निगम और कंपनी के बीच कामकाज को लेकर खटास पड़ गई। अनुबंध टूट गया। नया प्लांट एक दिन भी नहीं चल सका और अब कंडम हो चुका है।

कंपनी ने ये दिया है प्रपोजल

हरी भरी कंपनी के प्रतिनिधियों ने कुबेरपुर स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड का दौरा किया। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की टेस्टिंग की। उन्होंने पूरे प्लांट को कंडम घोषित कर दिया। नया प्लांट लगाने के लिए प्रपोजल नगर निगम को सौंप दिया। इसमें खर्च 15 करोड़ बताया है। इसमें 35 प्रतिशत खर्च केंद्र और राज्य सरकार के मद से मिलने वाली राशि का करना है।

कचरा से कंपोज्ड बनाने की योजना

कंपनी ने प्लांट लगाने से लेकर कचरा से निर्मित होने वाले सामानों की पूरी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि पहले कचरा से कंपोज्ड और आरडीएफ (रिफ्यूज्ड डिराइव फ्यूल) बनाएंगे। बाद में बिजली बनाने की भी योजना है।

खर्च को लेकर पसोपेश

कंपनी ने प्रपोजल तैयार किया है। उसमें 15 करोड़ रुपए खर्च करके प्लांट तैयार किया जाएगा। इसमें 35 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार से मिलेगी, जिसमें 25 प्रतिशत का अंश राज्य सरकार को देना है। ये नगर निगम के गले नहीं उतर रही है। दरअसल इतनी राशि सरकार से मांगने पर पुराने प्लांट की जानकारी मांगी जा सकती है। ऐसे में सरकार की फटकार का डर है।

Posted By: Inextlive