- राजाजी टाइगर रिजर्व और दो वन प्रभागों में मृत मिले थे तीन गुलदार

- लैंसडौन वन प्रभाग की एसओजी टीम ने इक्ट्ठा किए तथ्य, पूछताछ के लिए हिरासत में लिए कुछ ग्रामीण

KOTDWAR: हरिद्वार वन प्रभाग, राजाजी टाइगर रिजर्व व लैंसडौन वन प्रभाग की लालढांग रेंज में तीन गुलदारों की मौत के मामले में लैंसडौन वन प्रभाग को बड़ी सफलता हाथ लगी है। जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि गुलदारों को जहर देकर मारा गया था। बताया जा रहा है कि मामले में लैंसडौन वन प्रभाग की एसओजी टीम ने लालढांग क्षेत्र से कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया है।

मरे हुए जानवर पर डाला गया जहर

दो अगस्त को लैंसडौन वन प्रभाग की लालढांग रेंज, हरिद्वार वन प्रभाग की चिडि़यापुर रेंज और राजाजी टाइगर रिजर्व की रवासन रेंज में अलग-अलग स्थानों पर तीन गुलदार मृत पाए गए। एक साथ तीन गुलदारों के शव मिलने से महकमे में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में उच्चाधिकारी मौके पर पहुंचे और शासन ने गुलदारों की मौत के मामले में रिपोर्ट भी तलब कर दी। शुरुआती दौर में माना जा रहा था कि गुलदारों ने जंगल में कोई जहरीला पदार्थ खा लिया, जिससे उनकी मौत हो गई। अब लैंसडौन वन प्रभाग की एसओजी टीम को गुलदारों की मौत के मामले में बड़ा सुराग हाथ लगा है। विभागीय सूत्रों की माने तो प्रभाग की एसओजी टीम ने हिरासत में लिए गए कुछ लोगों से हुई पूछताछ के आधार पर यह पुष्टि कर दी है मरे हुए पालतू जानवर पर जहर डाला गया था। ऐसे में जांच टीम यह मान रही है कि इसी जानवर का मांस खाने से तीनों गुलदार की मौत हुई है। जहर किसने और किस मंशा से मरे हुए जानवर के शव में मिलाया, इसका पता लगाने में टीम जुटी हुई है।

Posted By: Inextlive