इंटेलेक्चुअल डिसएबिलिटी डिप्रेशन ऑटिज्म और एंग्जाइटी। संभवत: उत्तराखंड में 17 वर्ष तक के बच्चे इन प्रॉब्लम्स को फेस कर रहे हों। जी हां स्टेट मेंटल हेल्थ अथॉरिटी के निर्देशन में दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल व निमहेंस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ न्यूरो साइंस ने राज्य के चार जिलों में अपनी स्टडी पर काम शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि करीब 6 माह के भीतर इसकी रिपोर्ट स्टेट मेंटल अथॉरिटी के सौंप दी जाएगी। जिसके बाद स्पष्ट हो पाएगा कि बच्चे आखिर इन प्रॉब्लम्स से गुजर रहे हैं या फिर वे सेफ हैं।

देहरादून (ब्यूरो) जानकार बताते हैं कि बदले वक्त के साथ अब बच्चों में बिहेवियर में बदलाव नजर आ रहा है। इसी को लेकर स्टेट मेंटल हेल्थ अथॉरिटी राज्यभर में बच्चों पर एक सर्वे करना चाह रही है। इसके लिए शुरुआत में चार जिले शामिल किए गए हैं। इनमें राजधानी दून के अलावा टिहरी, अल्मोड़ा और नैनीताल जिलों के शामिल किया गया है। दून मेडिकल कॉलेज के स्पेशलिस्ट के साथ निमहेंस यानि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ न्यूरो साइंस के एक्सपट्र्स भी शामिल हैं। इन दोनों इंस्टीट्यूशंस की टीमें अपने रिसर्च के जरिए बच्चों की मेंटल हेल्थ को करीब से जान पाएंगे। बताया गया है कि इन जिलों में सर्वे के काम से लेकर रिपोर्ट तैयार करने में करीब 6 माह का वक्त लग जाएगा। बाकायदा, इसकी जिलों में प्रिलिमिनरी शुरुआत भी कर दी है। जिसके कुछ इनपुट्स भी टीमों को मिलने लगे हैं।

इन पर सबसे ज्यादा फोकस
-इंटेलेक्चुअल डिसएबिलिटी
-ऑटिज्म
-डिप्रेशन
-एंग्जाइटी

एप के जरिए होगा सर्वे
फिलहाल, उत्तराखंड के 4 जिलों के लिए ये सर्वे होगा। बाकायदा, इसके लिए एक एप का यूज किया जाएगा। एप में क्वैश्चंस पूछे जाएंगे। जिनको वेबसाइट पर ही सेफ किया जाएगा। जिसके बाद सर्वे में मिले बच्चों का रिकॉर्ड आसानी से इसी एप में शामिल किया जा सकेगा।

पॉलिसी बनाने में मिलेगी मदद
दून मेडिकल कॉलेज के सीनियर अफसरों के मुताबिक दून मेडिकल कॉलेज व निमहेंस की ओर से किए जा रहे इस सर्वे के माध्यम से जो भी इनपुट्स मिलेंगे। बच्चों से लेकर टीनेजर तक के लिए इन फ्यूचर में पॉलिसी बनाने में मददगार साबित होगा। इस सर्वे के जरिए निकलने वाली फाइंडिंग से बच्चों से सबंधित योजनाओं को तैयार करने में हेल्प मिल सकेगी।

इन 4 डिस्ट्रिक्ट में सर्वे
-देहरादून
-अल्मोड़ा
-टिहरी
-नैनीताल

12 फील्ड कर्मचारी तैनात
इस सर्वे के लिए दून मेडिकल कॉलेज व निमहेंस की टीमों ने एमएसडब्ल्यू एक्सपट्र्स का सिलेक्शन किया है। इसके लिए बाकायदा इंटरव्यू प्रोसेस पूरी हुई। फील्ड कर्मचारियों के चयन से पहले उनके एक्सपीरियंस व बैकग्राउंड को भी ध्यान में रखा गया।

880 बच्चों पर सर्वे
सर्वे के लिए बच्चों को चयन 0 से लेकर 17 वर्ष तक टीनएजर शामिल किए गए हैं। सर्वे में मेल और फीमेल दोनों शामिल होंगे। सर्वे को तालुका व क्लस्टर में बांटा जाएगा। बताया गया है कि करीब 880 बच्चों पर इस सर्वे का काम पूरा होगा। इस स्टडी को पूरा करने में करीब 6 माह का वक्त लगने की उम्मीद है।

dehradun@inext.co.in

Posted By: Inextlive