मेरा ईगो किसी से कम नहीं है: ज्वाला गुट्टा
हाल ही में बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (बीएआई) की अनुशासन समिति ने ज्वाला गुट्टा पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की सिफ़ारिश की.हालांकि दिल्ली हाई कोर्ट ने इस प्रतिबंध पर फिलहाल रोक लगा दी है.ज्वाला पर इंडियन बैडमिंटन लीग के दौरान अपनी टीम 'डेल्ही स्मैशर्स' के खिलाड़ियों को 'बंगा बीट्स' टीम के ख़िलाफ़ मैच न खेलने के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था.'चुप नहीं रहूंगी'ज्वाला हाई कोर्ट के फैसले से काफी खुश हैं.वो कहती हैं, ''हाई कोर्ट का मेरे पक्ष में फैसला देना सिर्फ़ मेरी ही नहीं सभी खिलाड़ियों की जीत है. हम जैसे खिलाड़ी यहां तक पहुंचने के लिए बहुत मेहनत करते हैं. कोई हमारी मेहनत पर पानी नहीं फेर सकता.''
ज्वाला कहती हैं, ''एसोसिएशन खिलाड़ियों के भले के लिए होती है लेकिन अगर वो ही हमारे रास्ते में रोड़े अटकाएगी तो हम चुप नहीं बैठेंगे. मैं उम्मीद करती हूं कि मेरी ये लड़ाई बाकी खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा बने.''वो यह भी कहने से नहीं हिचकिचाती कि 'बंगा बीट्स' टीम के कोच ने भी एक पत्र लिख कर उन पर बैन लगाए जाने की सिफ़ारिश पर आपत्ति जताई है.'ये निजी हमला'
बीबीसी ने ज्वाला से ये भी जानने की कोशिश की कि क्या पूरी की पूरी एसोसिएशन उनके खिलाफ़ है?इस सवाल के जवाब में ज्वाला कहती हैं, ''पूरी एसोसिएशन मेरे खिलाफ नहीं है. ज़्यादातर लोगों से मेरी बहुत अच्छी बातचीत है. वो मुझे बचपन से जानते हैं. बीएआई के बहुत सदस्य मेरी इस बात पर भी तारीफ करते हैं कि मैं कभी अन्याय नहीं सहती. मुझे लगता है कि ये सिर्फ़ एक या दो लोगों का काम है. वो सोचते हैं कि उनके हाथ में सत्ता है तो वो कुछ भी कर सकते हैं.''ज्वाला ये भी कहती हैं कि जब भी किसी के हाथ में सत्ता होती है तो उसके अहम पर भी चोट बहुत जल्दी लग जाती है.'मेरा अहंम किसी से कम नहीं'वो कहती हैं, ''उन्हें ये लगता है कि ज्वाला क्यों बोलती है. उनसे डरती क्यों नहीं. मुझे किसी से डरने की क्या ज़रूरत है. बैडमिंटन में मैंने खुद अपनी जगह बनाई है. मैंने आज तक किसी से कोई मदद नहीं ली. मैंने कभी किसी की चापलूसी नहीं की. अगर वो लोग सोचते हैं कि उनका अहंम बहुत बड़ा है तो मैं साफ कर दूं कि मेरा अहंम उनसे भी बड़ा है.''
चलते-चलते ज्वाला ये भी कहती हैं कि इस बार वो बीएआई के साथ अपनी इस लडाई को वो बीच में नहीं छोड़ेगी, अंजाम तक पहुंचा कर ही रहेंगी.