नीरज पाण्डेय का अपना एक स्पेस है। अपनी पहली फिल्म से ही ‘थ्रिल’ के लिए जाने जाते हैं नीरज। फिल्म बेबी में शबाना के किरदार की एक झलक आपको देखने को मिली थी। ये किरदार इतना जानदार था की कई लोगों ने ज़रूर सोचा होगा की इस रॉ एजेंट पर एक पूरी फिल्म बन सकती है नीरज ने दर्शकों की सुनी और एक सपोर्टिंग किरदार की बैकस्टोरी पर फिल्म लिख डाली। फिल्म का ट्रेलर काफी ग्रिपिंग था पर फिल्म उतना इम्प्रेस नहीं करती जितना की ट्रेलर। आइये एक सरसरी निगाह डालते हैं ‘शबाना’ की इस कहानी पर।

कहानी :
शबाना का अतीत भयानक है, बाल सुधार गृह में पली बढ़ी शबाना की ज़िन्दगी तब एक दम से बदल जाती है जब उसके प्रेमी का क़त्ल कर दिया जाता है। बदले की आग में जल रही शबाना को रॉ के एक रिक्रूटिंग ऑफिसर से एक ऑफर आता है की अगर वो रॉ ज्वाइन कर ले, तो शबाना को बदले में अपने पर्सनल मकसद को पूरा करने में मदद मिलेगी। शबाना ऑफर को मान लेती है और उसका मिशन होता है एक बड़े गैंगस्टर का खात्मा, जिस मिशन पर पहली बार उसकी मुलाक़ात होती है बेबी फिल्म के चिर परिचित किरदारों से और शबाना अपने मकसद की ओर चल पड़ती है, कैसे जानने के लिए देख सकते हैं 'नाम शबाना'
कहानी और डायरेक्शन
ग्रिपिंग और कसी हुई राइटिंग के लिए जाने वाले नीरज इस बार लगता है कि कुछ जल्दी में थे, कहानी और स्क्रीनप्ले के लेवल पर फिल्म काफी प्रेडिक्टेबल हो जाती है। फिल्म का स्क्रीनप्ले काफी कनविनिएंट भी है। यही फिल्म का सबसे बड़ा प्रॉब्लम है। अगर आपने ट्रेलर ध्यान से देखा है तो आप पूरी फिल्म के ट्विस्ट गेस कर सकते हैं।फिल्म का फर्स्ट हाफ और सेकंड हाफ  ठीक से लिंक्ड नहीं हैं काफी डिसजोइंटेड लगते हैं। फिल्म में कोई सरप्राइज एलिमेंट न के बराबर हैं। फिल्म के स्टोरी पे पैबंद का काम करता है इसका निर्देशन जो फिल्म की प्रॉब्लम को कम करता है। फिल्म के एक्शन स्टंट काबिल ए तारीफ हैं।और फिल्म काफी बढ़िया शूट की गई है, यही फिल्म को इंट्रेस्टिंग बनाते हैं।

 


अदाकारी :
तापसी एक बढ़िया एक्ट्रेस हैं, इस साल के अब तक के सबसे शानदार एक्ट्स में से एक, ये रोल किसी भी एकट्रेस के लिए करना मुश्किल काम होगा। तापसी की इंटेंसिटी चेहरे पर दिखती है। मनोज वाजपेयी भी अपने रोल में खूब जांचे हैं। कहने को अक्षय फिल्म में गेस्ट हैं पर उनका भी अच्छा खासा लंबा रोल है। फिल्म के विलेन पृथ्वीराज जिनको हमने अइया में देखा था वो इस फिल्म का सरप्राइज पैकेज हैं। उनका काम शानदार है। बाकी पूरी कास्टिंग भी बढ़िया है।
म्यूजिक
ये इस फिल्म का एक और माइनस पॉइंट है। इसका संगीत फिल्म की लय ताल को बिगाड़ने में कोई असर नहीं छोड़ता। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक अच्छा है। कुल मिलाकर ये फिल्म आशा के अनुरूप तो नहीं है पर फिल्म के पेरफॉर्मन्सेस और स्टंट इतने अच्छे हैं कि खराब और प्रेडिक्टेबल कहानी के बावजूद देखि जा सकती है नाम शबाना।
फिल्म का बॉक्स ऑफिस प्रेडिक्शन : फिल्म अपने पूरे रन नें 25 से 30 करोड़ कमा सकती है।
Review by : Yohaann Bhaargava
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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari