-पब्लिक कहती है पार्षद नहीं सुनते, पार्षद बोले अधिकारी नहीं सुनते

-महिला पार्षद ने बिजली अभियंता पर लगाया दु‌र्व्यवहार का आरोप

-अन्य पार्षदों ने भी सदन में रोया दुखड़ा, कहा अधिकारी सुनते ही नहीं

पब्लिक कहती है पार्षद नहीं सुनते, पार्षद बोले अधिकारी नहीं सुनते

-महिला पार्षद ने बिजली अभियंता पर लगाया दु‌र्व्यवहार का आरोप

-अन्य पार्षदों ने भी सदन में रोया दुखड़ा, कहा अधिकारी सुनते ही नहीं

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: साफ-सफाई न होने, नाला-नाली का निर्माण न होने, सड़कों की मरम्मत न होने और अन्य डेवलपमेंट वर्क न होने पर पब्लिक कहती है कि पार्षद सुनते ही नहीं हैं। वहीं, अब पार्षद भी बेचारे हो गए हैं। उनका कहना है कि नगर निगम के अधिकारी पूरी तरह से बेलगाम हो चुके हैं। वे केवल दबंग और चक्कर लगाने वाले पार्षदों की ही सुनते हैं जबकि उनके वार्ड में समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। शुक्रवार को नगर निगम के सदन में जब पार्षदों को बोलने का मौका मिला तो पार्षदों ने अपना दुखड़ा सदन में रखा। कुछ महिला पार्षद तो भावुक हो गई।

पहले गुस्सा, फिर भावुक हुई गोमती देवी

वार्ड तीन जयंतीपुर की पार्षद गोमती देवी को जब सदन में अपनी बात रखने के लिए कहा गया तो वे समस्या रखते हुए अचानक भावुक हो उठीं। कहा कि हम जनप्रतिनिधि हैं, जनता हमसे सवाल करती है और अधिकारी काम करने के बजाय हमसे दु‌र्व्यवहार करते हैं। पार्षद ने बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता मोहन जी पांडेय पर दु‌र्व्यवहार करने का आरोप लगाया। गोमती देवी ने पूरे सदन को बताया कि उन्होंने मोहन जी पांडेय को लेटर लिख कर अपने वार्ड में सोडियम लाइट लगाने की मांग की। उन्हें जब कॉल कर पूछा गया तो मोहन जी पांडेय ने जवाब दिया कि एक भी सोडियम लाइट नहीं मिलेगी। अपनी बात रखते हुए गोमती देवी रुआंसी हो गई। उन्होंने कहा कि मेरे वार्ड में एक भी काम नहीं हुआ है। इसलिए दुखी होकर मजबूरी में यह बात कहनी पड़ रही है। मुझे अपमानित किया जा रहा है। मेरी गली में एक भी काम नहीं हुआ है, जबकि दबंग पार्षदों के एरिया में खुल कर काम हो रहा है। पार्षद गोमती देवी ने आरोप लगाया तो नगर आयुक्त देवेंद्र पांडेय जवाब देने आए। उन्होंने मोहन जी पांडेय को बुलाया और कहा जवाब दें। अधिशासी अभियंता मोहन जी पांडेय ने कहा कि उन्होंने ऐसा नहीं कहा था। पांच सोडियम लाइट मांगी थीं तो मैंने कहा कि दो तुरंत दे दूंगा। इस पर अन्य पार्षदों ने विरोध किया तो मोहन जी पांडेय ने सभी पार्षदों से माफी मांग ली।

कितनी बार देना होगा लेटर

वार्ड आठ नीम सरायं के पार्षद अभय यादव ने सदन में सवाल उठाया कि एक पार्षद को कोई काम कराने के लिए कितनी बार लेटर लिखना चाहिए? एक बार लेटर लिखने और कोई मांग करने के बाद उसके लिए कितनी बार पैरवी करनी चाहिए? क्या पैरवी और बार-बार फॉलोआप किए बगैर काम नहीं हो सकता? हम अधिकारियों से पूछना चाहते हैं कि आखिर ऐसा क्यों है? क्या केवल नगर आयुक्त व अधिकारियों के आस-पास घूमने व चक्कर लगाने वालों का ही काम होगा? अन्य पार्षदों ने भी अभय यादव के इन सवालों का समर्थन किया। पार्षद अभय यादव के इन सवालों का नगर आयुक्त देवेंद्र पांडेय ने जवाब देते हुए कहा कि पार्षदों के लेटर को संबंधित अधिकारी को दे दिया जाता है। पैरवी करने से तेजी बढ़ती है ये सही है। इसलिए पार्षदों को किसी काम के लिए रिमाइंड करना चाहिए। नगर आयुक्त ने कहा लेटर लिखते हैं, लेकिन आते क्यों नहीं? हमारे पास आने में कोई दिक्कत है क्या? नगर आयुक्त ने अधिकारियों को आदेश दिया कि जो कम आते हैं, सीधे-साधे सज्जन पार्षद हैं, उनका ध्यान रखा जाए।

जो पास बैठेंगे केवल उन्हीं का काम होगा?

वार्ड ख्7 म्योराबाद की पार्षद पुष्पा कुशवाहा से जब मेयर अभिलाषा गुप्ता ने अपनी बात रखने के लिए कहा तो वो भी थोड़ा भावुक हो गई। उन्होंने नगर आयुक्त से सवाल किया मेरे वार्ड में काम नहीं हो रहा है, आखिर ऐसा क्यों है? कई लेटर भेज चुकी हूं, लेकिन फाइल दबी पड़ी है। लाइट खराब है, सड़क खराब है फिर भी काम नहीं हो रहा है। जो लेाग दिन-रात आपके पास बैठते हैं, बस उन्हीं का काम होता है। हमारी फाइल पड़ी रहती है।

फोन नहीं उठाते हैं अधिकारी

वार्ड भ्फ् अलोपीबाग पार्षद प्रेमलता गुप्ता ने भी बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता पर दु‌र्व्यवहार करने का आरोप लगाया। कहा कि मेरे वार्ड में लाइटें खराब पड़ी हैं। मोहन जी पांडेय को कई बार कॉल किया गया। लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। मिलने पर जवाब देते हैं सामान नहीं है। मेरे वार्ड में काम अधूरे पड़े हैं। आखिर ऐसा क्यों है?

Posted By: Inextlive