Narak Chaturdashi 2021 Dainik Panchang: तिथि नक्षत्र वार योग और करण से मिलकर पंचांग बनता है। बुधवार 3 नवंबर के दैनिक पंचाग के मुताबिक शुभ मुहूर्त राहुकाल सूर्योदय और सूर्यास्‍त का समय तिथि नक्षत्र सूर्य करण चंद्र व दिशाशूल की स्थिति मास व पक्ष की समस्‍त जानकारी यहां दी गई है।

डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Narak Chaturdashi 2021 Dainik Panchang: हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व होता है। बुधवार 3 नवंबर, त्रयोदशी तिथि 07:13:00 तक तदोपरान्त चतुर्दशी तिथि 05 बजकर 30 मिनट तक तदोपरान्त अमावस्या है। त्रयोदशी तिथि के स्वामी कामदेव जी हैं तथा चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी हैं। बुधवार के दिन गणेश भगवान की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। आज के दिन शरीर पर तेल लगाने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
आज के दिन क्या करें और क्या न करें
बुधवार को उत्तर दिशा में जाना अशुभ होता है यदि आवश्यक हो तो घर से धनियां या तेल खाकर निकलें। इस तिथि में बैंगन नहीं खाना चाहिए और यह तिथि अन्नप्राशन, गृह प्रवेश, विवाह आदि कार्यो के लिए शुभ मानी गयी है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवं गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

03 नवम्बर 2021 दिन- बुधवार का पंचाग
त्रयोदशी एवं चतुर्दशी तिथि
सूर्योदयः- प्रातः 05:29:00
सूर्यास्तः- सायं 06:31:00
विशेषः- बुधवार के दिन गणेश भगवान की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। आज के दिन शरीर पर तेल लगाने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
विक्रम संवतः- 2078
शक संवतः- 1943
आयनः- दक्षिणायन
ऋतुः- हेमन्त ऋतु
मासः- कार्तिक माह
पक्षः- कृष्ण पक्ष
तिथिः- त्रयोदशी तिथि 07:13:00 तक तदोपरान्त चतुर्दशी तिथि 05 बजकर 30 मिनट तक तदोपरान्त अमावस्या
तिथि स्वामीः- त्रयोदशी तिथि के स्वामी कामदेव जी हैं तथा चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी हैं।
नक्षत्रः- हस्त नक्षत्र 26:36:02 तक तदोपरान्त स्वाति
नक्षत्र स्वामीः- हस्त नक्षत्र के स्वामी चन्द्र देव जी हैं तथा स्वाति नक्षत्र के स्वामी राहु देव जी हैं।
योगः- विषकुंभ 14:52:19 तक तदोपरान्त प्रीति
गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 10:41:00 से 12:04:00 तक
दिशाशूलः- बुधवार को उत्तर दिशा में जाना अशुभ होता है यदि आवश्यक हो तो घर से धनियां या तेल खाकर निकलें।
राहुकालः- राहुकाल 12:04:00 से 01:27:00 बजे तक
तिथि का महत्वः- इस तिथि में बैंगन नहीं खाना चाहिए और यह तिथि अन्नप्राशन, गृह प्रवेश, विवाह आदि कार्यो के लिए शुभ मानी गयी है।
” हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना। ”

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Posted By: Shweta Mishra