- एनपी सेंटर के बिल्डर क चेक को कर लिया क्लोनिंग, जांच में खुलने लगी परतें

- तीन दिन के लिए मकान किराये पर, पांच सौ रुपए दिए और छह बैंकों में खुलवाए खाते

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PATNA: नटवर लालों की संख्या बढ़ती जा रही है. पिछले कुछ दिनों से एक ऐसे ही नटवर लाल के कारनामे ने कोतवाली पुलिस की नाक में दम कर रखा है. कागजों पर तो इसका नाम भरत प्रसाद है, पर सच में क्या है पुलिस को भी इसकी जानकारी नहीं. बैंक आफ बड़ौदा ने कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कर फर्जी चेक पर करीब नौ लाख की निकासी की जानकारी पुलिस को दी थी. इस मामले का इंवेस्टिगेशन शुरू हुआ, तो पता लगा कि भरत ने जिस चेक का इस्तेमाल कर रुपये की निकासी की है वह एनपी सेन्टर के विनय कुमार के अकाउंट के लिए यह चेक इश्यू किया गया था. यह भी पता चला कि उनके चेक बुक से पांच सीरियल नम्बर के चेक की क्लोनिंग कर ली गई है और इन सारे चेक को ऑनर भी करवा लिया गया. इसमें चार चेक पटना में जबकि एक चेक छपरा में कैश करवाये गये है. इन सब को कैश करवाने वाले भरत प्रसाद के अलग अलग बैंकों में छह अकांउट का पता चला है. जो एक ही अड्रेस पर खोले गये हैं. यह पता है-द्वारा उमेश चौधरी, बजरंग कॉलोनी, मूरलीचक बीएम कॉलेज, जगदेव पथ.

बोलकर और रुपये नहीं दिए

बैंक में दिये उस पता का वेरिफिकेशन जब पुलिस ने किया तो पता चला कि उस जगह पर भरत सिर्फ तीन दिन ही रहा था. इसके बाद उसने छह बैंकों में खाता खुलवा लिया था. उमेश चौधरी की पत्‍‌नी संतरा देवी ने इस बारे में पुलिस को लिखकर दिया है कि भरत प्रसाद उसके घर में तीन दिन ही रहा था और उसने अपना वोटर कार्ड दिया था साथ ही पांच सौ रुपए एडवांस. खुद के एक प्राइवेट कंपनी का स्टाफ बताकर घर लिया था. उसके बाद वह एग्रीमेंट पेपर बनवाने को बोलकर और रुपये नहीं दिये. उसने ख्भ्00 रुपये में किराये पर घर लिया था, लेकिन बाद में वह नहीं आया तो उसे दिये फोन नम्बर पर बात की गई तो उसने बताया कि उसका ट्रांसफर एक महीने के लिए रुक गया है तब से उसका कोई पता नहीं. पुलिस भरत की तलाश में लगी है. गौरतलब है भरत के खिलाफ बैंक आफ बड़ौदा के सिटी ब्रांच के सीनियर मैनेजर सुनील कुमार ने फर्जी चेक पर निकासी का मामला ख्भ् अप्रैल को कोतवाली थाने में दर्ज करवाया था.

Posted By: Manish Kumar