वाणी कपूर की पहली फ़िल्म 'शुद्ध देसी रोमांस' है. वाणी कपूर की कहानी में ना ड्रामा है ना सस्पेंस है ना कोई रोमांच. ऐसा वो ख़ुद मानती हैं. दिल्ली की रहने वाली वाणी मॉडलिंग से फ़िल्मों में आ गईं हैं और इसके लिए उन्हें बिलकुल संघर्ष भी नहीं करना पड़ा.


पहली ही फ़िल्म उन्हें यशराज जैसे बड़े बैनर की मिल गई. वो इस हफ़्ते रिलीज़ हो रही 'शुद्ध देसी रोमांस' में सुशांत सिंह राजपूत और  परिणीति चोपड़ा के साथ दिखेंगी.पेश है वाणी कपूर से की गई बातचीत के ख़ास अंश.'यूं ही बन गई हीरोइन'मैं दिल्ली से हूं. घर में मां-बाप और बड़ी बहन है. मॉडलिंग और थिएटर करती थी. फिर  'शुद्ध देसी रोमांस' की कास्टिंग निर्देशक शानू शर्मा से मुलाक़ात हुई. उन्होंने मुझे इस रोल के बारे में बताया और फ़िल्म के निर्देशक मनीष शर्मा से मुझे मिलाया.फिर मुझे यशराज स्टूडियो बुलाया गया. और इसके बाद तो ना जाने मेरे कितने ऑडिशन हुए. जितनी बार मैं यशराज स्टूडियो जाती उतनी बार मेरे ऑडिशन होते.आखिरकार मुझे चुन लिया गया. शुक्र है मैं हीरोइन बन गई, वरना पता नहीं क्या बनती.'शुद्ध देसी रोमांस'


(वाणी बताती हैं कि उन्हें फ़िल्मों में आने के लिए बिलकुल संघर्ष नहीं करना पड़ा.)एकाध कोई केस ऐसा हो तो उसके आधार पर पूरी इंडस्ट्री के बारे में ऐसी राय बनाना ग़लत है.मुझे ख़ुशी है कि मैंने अपना करियर यशराज जैसे प्रतिष्ठित बैनर के साथ शुरू किया. मुझे कभी भी किसी भी तरह के 'कास्टिंग काउच' का सामना नहीं करना पड़ा.

'मॉडर्न और परंपरागत भी'

'शुद्ध देसी रोमांस' की कहानी का प्लॉट मूलत: लिव इन रिलेशन पर आधारित है. लेकिन मैं अपनी सोच में मॉडर्न के साथ-साथ परंपरागत भी हूं.असल ज़िंदगी में मैं अगर किसी के साथ रहूं तो उससे शादी करना चाहूंगी. जिसके साथ मैं रहूं, चाहूंगी कि वो मेरे विश्वास पर खरा उतरे.हालांकि मैं ये भी समझती हूं कि आजकल की ज़िंदगी में ऐसा इंसान मिलना बहुत मुश्किल है जो ताउम्र आपका भरोसेमंद हो.

Posted By: Satyendra Kumar Singh