आई स्पेशल

- आदेश

-मेरठ में चोरी छिपे बिकते हैं चाइनीज मांझा

-एनजीटी के आदेश के बाद सकते में बाजार

-हालांकि पहले भी हो चुकी हैं कार्रवाई

Meerut: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने देशभर मे पतंग उठाने के लिए इस्तेमाल होने वाले चाइनीज मांझे की खरीद-फरोख्त स्टोरेज और इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगा दी है। ये रोक नायलोन मांझा और ग्लास कोटिंग के कोटन मांझे पर भी लगाई गई है। एनजीटी ने अपना ये आदेश खास तौर से एक डेढ़ माह में आने वाले त्योहारों के मद्देनजर दिया है। मेरठ समेत देश के विभिन्न हिस्सों में बंसत पंचमी पर खास तौर से पतंगे उड़ाई जाती हैं और उस दौरान पक्षियों के साथ-साथ आम लोगों के भी घायल होने की खबरें मिलती हैं।

आदेश से सकते में बाजार

त्योहारों के दौरान चाइनीज मांझे का चलन मेरठ में आम हो गया है। एनजीटी के आदेश के बाद बाजार सकते में है। हालांकि मेरठ के प्रसिद्ध नगर बाजार में पिछले काफी दिनों से चाइनीज मांझे की बिक्री पर रोक है। हां, यहां बरेली के मांझे की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। एनजीटी के आदेशों पर गौर करें तो अभी ग्लास कोटिंग के सभी मांझों पर पूरी तरह से रोक है जबकि बरेली का मांझा ग्लास कोटेड होता है। कारोबारियों का कहना है कि बरेली के मांझे में बारीक ग्लास डस्ट होती है जो नुकसानदायक नहीं है।

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मेरठ में चाइनीज मांझों पर रोक पहले से ही है। यहां बरेली का मांझा की चलता है। एनजीटी का आदेश सही है।

आशू, पतंग विक्रेता

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एनजीटी के आदेश का सभी को अनुपालन करना चाहिए, चाइनीज मांझे से खासकर पक्षियों को खासा नुकसान हो रहा था।

कबीर, पतंग विक्रेता

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चाइनीज मांझों पर प्रतिबंध का असर मेरठ में नहीं पड़ेगा, पिछले दिनों सख्ती के बाद इसकी बिक्री पर रोक है।

शुमाउद्दीन, पतंग विक्रेता

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बरेली के मांझों का प्रयोग सेफ है। इससे न तो पक्षियों को कोई नुकसान है और न ही मनुष्यों को फिलहाल मेरठ में चाइनीज मांझे की बिक्री नहीं हो रही है।

मोहम्मद आबिद, पतंग विक्रेता

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हालांकि चाइनीज मांझों का कुछ सालों तक जमकर चलन था किंतु अब लोग इन्हें पसंद नहीं करते हैं।

शुभान, पतंग प्रेमी

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हमारे मनोरंजन से किसी को नुकसान पहुंचे ये सही नहीं है। हम अब चाइनीज मांझों का प्रयोग पतंगबाजी में नहीं करते हैं।

अनस, पतंग प्रेमी

Posted By: Inextlive