इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल यूं तो क्रिकेट की सबसे बड़ी लीग है लेकिन इसकी बुनियाद ही विवादों में रखी गई थी। इसका कोई भी संस्करण ऐसा नहीं रहा जिस पर विवाद की छाया न रही हो।


जब एक औद्योगिक घराने ने कपिल देव की अगुवाई में इंडियन क्रिकेट लीग बनाई तो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने इसकी काट के लिए आईपीएल बना डाली।आईपीएल का नौवां संस्करण नौ अप्रैल से शुरू हो रहा है और इससे पहले ही एक और विवाद हो गया है।2008 में पहले आईपीएल के दौरान मुंबई इंडियंस की कप्तानी कर रहे हरभजन सिंह और उस समय किंग्स इलेवन पंजाब का हिस्सा रहे एस श्रीसंत के बीच एक मैच के बाद झड़प हुई थी।कहा गया कि भज्जी ने मैच हारने के बाद श्रीसंत को थप्पड़ मार दिया था। मैदान पर श्रीसंत के रोने का दृश्य सबको याद है।
उस घटना के बाद भज्जी को पूरे सीजन आईपीएल से अलग रहना पड़ा था। इस घटना के पाँच साल बाद श्रीसंत ने इस मामले को एक बार और हवा दी और कहा कि पूरा घटनाक्रम पहले से तैयार था।उन्होंने हरभजन सिंह को 'पीठ में छुरा घोंपने' वाला तक कहा था।2009: ललित मोदी का जलवादेश में टी-20 फॉर्मेट को नए अंदाज़ में पेश करने वाले ललित मोदी ने आईपीएल को एक ब्रांड के रूप में स्थापित कर दिया था।


इससे बीसीसीआई का खजाना तो भरा ही, खिलाड़ी भी मालामाल हो गए।लेकिन आईपीएल को करिश्माई कामयाबी तक पहुँचाने वाले मोदी वित्तीय गड़बड़ियों में शामिल पाए गए और बीसीसीआई ने अपने चहेते पर चाबुक चलाते हुए उन्हें हटा दिया।दरअसल, मोदी ने कोच्चि टस्कर्स के शेयरहोल्डिंग पैटर्न को लेकर ट्वीट किया था, इससे तत्कालीन विदेशी राज्य मंत्री शशि थरूर की कुर्सी तो गई ही, मोदी की भी बीसीसीआई से छुट्टी हो गई।उनके नाम से रेड कॉर्नर नोटिस जारी हो चुका है।2011: ‘नो दादा, नो केकेआर’कोलकाता नाइटराइडर्स के मालिक शाहरुख़ ख़ान कभी स्टेडियम में सिगरेट पीने तो कभी सिक्योरिटी गार्ड के साथ उलझ जाने के कारण विवादों में रहे।2012 में मुंबई इंडियंस से मैच जीतने के बाद सिक्योरिटी गार्ड से झगड़ना शाहरुख़ को काफी महंगा पड़ा और उन पर वानखेड़े स्टेडियम में प्रवेश पर 5 साल के लिए पाबंदी लगा दी गई। हालाँकि 2014 में महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन ने उन पर लगा प्रतिबंध हटा दिया।2013: स्पॉट फ़िक्सिंग का दागभारत में आम चुनाव के कारण इसका शुरुआती चरण संयुक्त अरब अमीरात में अबु धाबी, शारजाह और दुबई में आयोजित हुआ।

आईपीएल के छठे संस्करण में हुए तमाम विवादों के कारण इसकी छवि को बचाने के लिए सुनील गावस्कर को आईपीएल का कामकाज देखने के लिए अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया।अदालत ने एन श्रीनिवासन को आईपीएल में गड़बड़ियों के मामलों को नज़रअंदाज़ करने का दोषी पाया।2015: उथप्पा ने पकड़ा कॉलरआईपीएल में बैंगलुरू और कोलकाता के बीच मैच के बाद 17 साल के बैंगलुरू के खिलाड़ी सरफ़राज़ खान को जीत का जश्न मनाना महंगा पड़ा। मैच जीतने के बाद जब बैंगलुरू के खिलाड़ी जश्न मना रहे थे तो नाइटराइडर्स के खिलाड़ी रॉबिन उथप्पा उस वक्त ड्रेसिंग रूम में लौट रहे थे।सरफराज़ ख़ान के जश्न मनाने के तरीके से उथप्पा को इतना गुस्सा आया कि उन्होंने 17 साल के इस युवा खिलाड़ी का कॉलर पकड़ लिया और अपनी हद में रहने को कहा। हालाँकि इस मैच के रेफरी रहे जवागल श्रीनाथ ने ऐसी किसी घटना की जानकारी से इनकार किया था।

Posted By: Satyendra Kumar Singh