बजाज ग्रुप के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज की शनिवार को पुणे में निधन हो गया। कंपनी अधिकारियों ने बताया कि वे 83 वर्ष के थे।

मुंबई (पीटीआई)। बजाज कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। शनिवार को बजाज ने शाम करीब 2.30 बजे अंतिम सांस ली। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि रविवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

Padma Bhushan-awardee industrialist Rahul Bajaj passes away at the age of 83, tweets Union Minister Nitin Gadkari pic.twitter.com/7FLceiGgxQ

— ANI (@ANI) February 12, 2022
पिछले वर्ष दिया था बजाज ऑटो से इस्तीफा
दिवंगत राहुल बजाज के दो पुत्र राजीव बजाज और संजीव बजाज तथा एक पुत्री सुनयना केजरीवाल हैं। पिछले वर्ष 30 अप्रैल को उन्होंने बजाज ऑटो के नाॅन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चेयरमैन के पद से इस्तीफा दे दिया था।

विगत पॉंच दशकों से बजाज ग्रुप का नेतृत्व करने वाले राहुल जी का उद्योग जगत में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे और परिजनों को संबल दे। ॐ शांति

— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) February 12, 2022
1938 में पैदा हुए थे राहुल
राहुल बजाज 10 जून, 1938 में पैदा हुए थे। वे बजाज समूह का नेतृत्व कर रहे थे। यह समूह ऑटोमोबाइल, जनरल व लाइफ इंश्योरेंस, इन्वेस्टमेंट व कंज्यूमर फाइनेंस, होम अप्लाइंसेज, इलेक्ट्रिक लैंप, विंड एनर्जी, विशेष धातु व स्टेनलेस स्टील, मैटेरियल हैंडलिंग इक्विपमेंट और ट्रैवल के क्षेत्र में कारोबार करती है।
बजाज ब्रांड को दी कामयाबी
1965 में बजाज ग्रुप की कमान संभालने के बाद राहुल ने कंपनी को लगातार विकास के रास्ते पर ले गए। बंद अर्थव्यवस्था से खुली अर्थव्यवस्था की ओर जाते समय संक्रमण काल में उन्होंने कंपनी की कमान शानदार तरीके से संभाली और कंपनी को डाइवर्सीफाइ किया। बजाज ब्रांड ऑटो एवं स्कूटर को उन्होंने जापानी मोटरसाइकिल निर्माताओं को चुनौती देते हुए ग्लोबली कामयाब किया।
समाज कल्याण के कार्य में अग्रणी
राहुल बजाज वाशिंगटन डीसी स्थित इंटरनेशनल एडवाइजरी कौंसिल ऑफ द ब्रोकिंग्स इंस्टीट्यूशन के पूर्व सदस्य थे। वे जमनालाल बजाज फाउंडेशन सहित बजाज ग्रुप ऑफ कंपनीज और चैरिटेबल ट्रस्ट का भी नेतृत्व कर रहे थे। राहुल बजाज दिल्ली यूनिवर्सिटी से इकोनाॅमिक्स में बीए ऑनर्स थे। मुंबई यूनिवर्सिटी से उन्होंने वकालत की डिग्री ली थी। हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से राहुल ने एमबीए की पढ़ाई की थी।
'हमारा बजाज' मिडिल क्लास की थी उम्मीद
राहुल बजाज के नेतृत्व में बजाज ऑटो का टर्नओवर 7.2 करोड़ रुपये से बढ़ कर 12,000 करोड़ तक पहुंच गया था। कंपनी का बजाज चेतक स्कूटर मिडिल क्लास परिवारों के लिए 'हमारा बजाज' स्लोगन के साथ आकांक्षा का एक प्रतीक बन गई थी। यह उनके बेहतर भविष्य का पर्याय बन चुका था। 2005 में उन्होंने अपने बेटे राजीव बजाज को कंपनी का कामकाम सौंपना शुरू कर दिया था। राजीव बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर बने। राजीव ने कंपनी को सही मायने में ग्लोबल प्लेयर बना दिया।
सरकार की आलोचना में रहे मुखर
देश के सफलतम कारोबारियों में शुमार राहुल बजाज 2006 में राज्यसभा के लिए चुने गए। वे 2010 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। 2019 में मुंबई में इकोनाॅमिक टाइम्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में गृहमंत्री अमित शाह, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में वेटरन उद्योगपति बजाज ने सरकार की आलोचना की।
मिले थे राहुल को कई सम्मान
उन्होंने ने कहा था कि हमारे दिमाग में डर का माहौल है। सरकार अच्छा काम कर रही है। इसके बावजूद हममे यह भरोसा नहीं है कि आप आलोचना बर्दाश्त कर सकते हैं। बजाज को कई सम्मान मिले। इनमें पद्म भूषण और कई विश्वविद्यालयों से ऑनरेरी डाॅक्टोरेट की उपाधि मिल चुकी थी।
कई पदों पर रह चुके थे राहुल
राहुल बजाज कई पद पर रह चुके थे। इनमें इंडियन एयरलाइंस के चेयरमैन और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाॅजी बाॅम्बे के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन का पद प्रमुख है। वे इंटरनेशनल बिजनेस कौंसिल और वर्ल्ड इकोनाॅमिक फोरम के चेरमैन रह चुके थे। हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के साउथ एशिया एडवाइजरी बोर्ड के सदस्य भी रह चुके थे।

Posted By: Satyendra Kumar Singh