देश में शिक्षित युवा बेरोजगारों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। मैनपावर ग्रुप के सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि आगामी अक्‍टूबर से दिसंबर तक देश में रोजगार के द्वार काफी तेजी से खुलेंगे। इसके अलावा वहीं प्रोफेशनल सर्विस फर्म टावर्स वाटसन ने भी एशियाई देशों में मिलने वाली सैलरी पर सर्वेक्षण किया है। जिसमें सामने आया है कि भारत सबसे कम सैलरी देने वाला देश है।


एक बेहतर समय होगाजानकारी के मुताबिक मैनपावर ग्रुप ने देश में रोजगार के क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया है। जिसमें मैनपावर ग्रुप के रोजगार परिदृश्य सर्वेक्षण रिपोर्ट की मानें तो देश में अक्टूबर से दिसंबर तक बड़ी संख्या में लोगों को नौकरियां मिलेंगी। यहां पर बड़ी कंपनियों में नियुक्ति काफी तेजी से होगी। जिससे हजारों युवाओं को नौकरी मिलेगी। वहीं इस सर्वेक्षण में शामिल हुए भारत के 5,047 नियोक्ताओं का मानना है कि यह देश के बेरोजगार युवाओं के लिए एक बेहतर समय होगा। इन सबके पीछे माना जा रहा है कि अब भारत में मेक इन इंडिया के तहत कारोबार सुगम होने के आसार दिख रहे हैं। जिससे देश में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां निवेश करने की तैयारी में हैं। जिससे साफ है कि जिस तरह से देश में व्यापार बढेगा उसी तरह यहां पर रोजगार के अवसर बढेंगे।प्रतिस्पर्धा काफी तेजी से
वहीं दूसरी भारत को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। जिसमें प्रोफेशनल सर्विस फर्म टावर्स वाटसन ने एशियाई देशों में सैलरी को लेकर अपनी सर्वे रिपोर्ट पेश की है। जिसके मुताबिक भारत सबसे कम सैलरी देने वाला देश है। सबसे खास बात तो यह भारत के मुकाबले चीन अपने यहां डबल सैलरी देता है। इतना नहीं भारत की अपेक्षा सिंगापुर भी काफी अच्छी सैलरी देता है। यहां पर सामान्य ग्रेजुएट को लगभग शुरूआती दौर में करीब 3 से 5 हजार रुपये ही मिलते हैं। जब कि उससे काम काफी ज्यादा लिया जाता है। इस दौरान यह भी बात सामने आई है कि जल्द ही भारत में  ‘मेक इन इंडिया’ काफी तेजी पकड़ने वाला है। जिससे इसके तहत देश में मल्टी नेशनल कंपनियों में प्रतिस्पर्धा काफी तेजी से बढ़ेगी। जिसका फायदा लोगों को हो सकता है।

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Posted By: Shweta Mishra