पेट्रोल पंपो पर तेल भरने के दौरान होने वाली हाइटेक चोरी के मामले इतने बढ़ गए हैं कि सरकार ने अब पेट्रोल-डीजल डालने वाली मशीनों को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सील कराने की पूरी व्‍यवस्‍था की है। जानिए क्‍या है तेल चोरी रोकने का हाईटेक तरीका।

सरकार ने किया ये फैसला
उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र सहित कई अन्य राज्यों से पेट्रोल पंप पर ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी के कई मामले सामने आने पर सरकार ने ये फैसला किया है। दरअसल, ग्राहकों को पेट्रोल-डीजल लेते समय डिसप्ले पर तो सही माप दिखाई जाती थी लेकिन वास्तव में उन्हें कम पेट्रोल-डीजल दिया जा रहा था। इसमें पल्सर कार्ड के जरिए गोलमाल करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक चिप का यूज किया जा रहा था। इस कार्ड से पता चलता है कि पंप के जरिए कितना फ्यूल दिया जा रहा है।

अग्रेंजी न्यूजपेपर ने कंज्यूमर अफेयर्स डिपार्टमेंट के एक अधिकारी के हवाले से कहा है कि वजन और माप के लीगल मेट्रोलॉजी रूल्स में पल्सर कार्ड्स को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सील करने का प्रावधान है। उनको फिलहाल मेकैनिकल तरीके से सील किया जा रहा है। इसलिए यह काम कोई अतिरिक्त खर्च के बिना तुरंत किया जा सकता है। आगे से गाडिय़ों में पेट्रोल-डीजल डालने वाली मशीनों को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सील किया जाएगा ताकि इससे किसी तरह की छेड़छाड़ न की जा सके। यह फैसला ऑयल मार्केटिंग कंपनियों और इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के साथ सरकारी अधिकारियों की हुई बैठक में लिया गया।

यदि आपके कई बैंकों में हैं खाते तो यह खबर जरूर पढें    

जिन मशीन से गाडिय़ों में फ्यूल डाला जाता है उसमें एक पल्सर कार्ड लगा होता है। इस कार्ड को लीगल मेट्रोलॉजी डिपार्टमेंट सील करता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि ई-सीलिंग से यह पक्का हो सकेगा कि न तो इसके साथ कोई टेक्निशियन छेड़छाड़ कर सकता है और न ही इसमें पल्स फ्रिक्वेंसी एनहांसर चिप जोड़ा जा सकता है। एक सरकारी अफसर ने कहा कि एक चिप कस्टमर को हर लीटर पर 50 से 70 मिलीलीटर फ्यूल का लॉस करा सकता है। ई-सीलिंग से इन सब पर लगाम लगाई जा सकेगी।

नया फैसला, हर एक के लिए अनिवार्य नहीं है पैन को आधार से लिंक करना

Business News inextlive from Business News Desk

Posted By: Chandramohan Mishra