ड्रग्स मामला: विजेंदर की मुश्किलें बढ़ीं
पंजाब पुलिस की ओर से यहां जारी एक बयान में कहा गया है कि अभी तक की जांच के अनुसार विजेंदर ने करीब 12 बार और राम सिंह ने करीब पांच बार हेरोइन का सेवन किया.कनाडा निवासी कथित मादक पदार्थ तस्कर कहलों उर्फ रूबी को पुलिस ने तीन मार्च को गिरफ्तार किया था और चंडीगढ़ के बाहरी इलाके जिरकपुर स्थित उसके आवास से 130 करोड़ रुपए कीमत की 26 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई थी.पंजाब पुलिस के प्रवक्ता के मुताबिक मुक्केबाज राम सिंह और विजेंदर सिंह ने दिसम्बर 2012 से फरवरी 2013 के बीच कहलों और उसके सहयोगी रॉकी से निजी इस्तेमाल के लिए हेरोइन ली.पुलिस ने कहा कि राम सिंह ने दिसम्बर 2012 में अकेले ही हेरोइन खरीदी, उसके बाद दोनों मुक्केबाज साथ में मादक पदार्थ खरीदने के लिए जनवरी में एक बार और इस वर्ष फरवरी में दो बार गए.अनजान नहीं थे विजेंदर
जानकारों का कहना है कि विजेंदर और राम सिंह को कहलों की गैरकानूनी गतिविधियों की पूरी जानकारी थी.पुलिस के मुताबिक विजेंदर के मोबाइल से कई बार कहलों से बातचीत भी हुई है.कुछ दिन पहले फतेहगढ़ साहिब में बरामद 130 करोड़ के ड्रग्स के मामले में अनूप सिंह कहलो को गिरफ्तार किया गया था.
इस मामले में विजेंदर सिंह के दोस्त राम सिंह को नौकरी से बर्खास्त किया जा चुका है.फतेहगढ़ पुलिस ने 7 मार्च को दो ड्रग तस्करों को पकड़ा. उसके बाद फतेहगढ़ पुलिस ने उनके जीरकपुर के घर से 130 करोड़ रुपये की कीमत की करीब 26 किलो हेरोइन बरामद की.जीरकपुर के फ्लैट के बाहर एक गाड़ी भी मिली जो बॉक्सर विजेंदर सिंह की पत्नी अर्चना के नाम पर रजिस्टर्ड है.विजेंदर इस मामले में सफाई में कह चुके हैं कि इस मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है.हालांकि जब पुलिस ने विजेंदर का ब्लड सैंपल लेना चाहा तो इस ओलंपिक पदक विजेता ने अपना ब्लड देने से साफ मना कर दिया और कहा कि वह अपना ब्लड केवल डोपिंग एजेंसी को देंगे.विजेंदर सिंह हरियाणा पुलिस में डीएसपी हैं. बॉक्सिंग चैंपियन होने की वजह से उन्हें राज्य सरकार ने ये नौकरी दी है.