- गोल्ड और डायमंड ज्वैलरी की हो रही ऑनलाइन शॉपिंग

- पिछले तीन सालों में 20 से 25 फीसदी बढ़ी ऑनलाइन शॉपिंग

- खुदरा मार्केट को ऑनलाइन शॉपिंग से 10 से 15 फीसदी का नुकसान

- ऑनलाइन शॉपिंग के एक्सपर्ट बता रहे हैं कई फायदे

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sharma.saurabh@inext.co.in

Meerut : अब हर कोई गोल्ड और डायमंड ज्वैलरी शुद्ध और सुरक्षित चाहता है। किसी तरह का कोई रिस्क उठाने को तैयार नहीं। मेरठ शहर क्राइम के मामलों में बहुत बदनाम हो गया है। इसको देखते हुए गोल्ड और डायमंड ज्वैलरी की ऑनलाइन परचेजिंग का प्रचलन काफी बढ़ गया है। इसे लोग ज्यादा सेफ और प्रॉमिनेंट भी मानकर चल रहे हैं। यहां तक कि जितनी वैरायटी और डिजाइन ऑनलाइन में मिल रहे हैं उतने मार्केट में मौजूद नहीं हैं।

मार्केट रेट से दो फीसदी कम

जानकारों की मानें तो कई सेलिंग वेबसाइट ऑनलाइन रन कर रही है, जहां कई ब्रांडेड और नॉन ब्रांडेड कंपनियों ने स्पेस लिए हुए हैं। यहां से आसानी से गोल्ड और डायमंड ज्वैलरी पसंद कर खरीद रहे हैं। मजे की बात तो ये है कि ऑनलाइन परचेजिंग में लोगों को ख् फीसदी तक सस्ती ज्वैलरी मिल रही है। जिसे लोग ज्यादा पसंद कर रहे हैं। उनकी जेब पर भी ज्यादा असर नहीं पड़ रहा है।

घर बैठे-बैठे

सबसे बड़ी बात सेफ्टी की है। ऐसी कई वारदातें हो चुकी हैं कि कोई दुकान से ज्वैलरी खरीदकर निकला और उसके साथ लूट की वारदात हो गई। ऐसे में ऑनलाइन खरीददारी सबसे ज्यादा सेफ है। घर बैठे-बैठे कोई भी ऑनलाइन तरीके से परचेजिंग कर ज्वैलरी खरीद सकता है और उसकी सेफ्टी की जिम्मेदारी कंपनी की ही होगी। साथ ही लोगों का समय भी काफी बचेगा। उसे अलग-अलग दुकानों पर जाने की जरुरत नहीं होगी।

कैश ऑन डिलीवरी

कई ऑनलाइन वेबसाइट कैश ऑन डिलीवरी का ऑप्शन भी दे रही हैं। ऐसे में क्रेडिट कार्ड का भी रिस्क खत्म हो जाता है। यानि जब तक आपकी ज्वैलरी आपके हाथों पर आपके घर तक नहीं पहुंच जाएगी, तब तक आपको उसका पेमेंट करने की कोई जरुरत नहीं है। इससे इस बात की चिंता नहीं रहती कि आपने क्रेडिट कार्ड से रुपया दे दिया और सामान आपके घर नहीं पहुंचा।

बाय बैक पॉलिसी विद फुल रिफंड

इसमें सबसे अच्छी बात ये है कि इसमें लोगों के लिए बाय बैक पॉलिसी का भी ऑप्शन है। वो भी फुल रिफंड के साथ। जानकारों की मानें तो अगर कोई ज्वैलरी लेने के बाद पसंद नहीं आती है तो उसके बदले में आप दूसरी ज्वैलरी भी ले सकते हैं। अगर नहीं लेनी तो आपको पूरे पैसे वापस भी मिल सकते हैं। जबकि मार्केट में ऐसा नहीं होता है। अगर एक्सचेंज भी करनी होती है तो उसी दिन के गोल्ड रेट के साथ एक्सचेंज करते हैं।

डिजाइन और वैरायटी की भरमार

आज का यूथ डिजाइन और वैरायटी की डिमांड ज्यादा करता है। लोकल मार्केट में लोकल डिजाइन और वैरायटी भी ज्यादा नहीं होती है, जबकि ऑनलाइन वेबसाइट्स पर हर किसी को दुनियाभर की डिजाइन और वैरायटी की भरमार है। इसलिए भी लोग इसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं। घर बैठे-बैठे डिजाइन और वैरायटी मिलना लोगों को ज्यादा पसंद आ रहा है।

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ब्रांडेड और हॉलमार्क युक्त होती है ज्वैलरी

एक्सपर्ट कुश अग्रवाल की मानें तो ई-बे, अमेजन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, मंत्रा, येपी, ब्लू स्टोन आदि कई वेबसाइट्स मौजूद हैं जो फ्रेश और रियल ज्वैलरी बेच रही हैं। ये सभी ज्वैलरी ब्रांडेड और हॉलमा‌र्क्ड युक्त होती हैं। उन्हें खरीदने में लोग अब ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

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मार्केट को क्0 से क्भ् फीसदी का नुकसान

अगर बात मार्केट और नुकसान की करें तो मौजूदा समय में सर्राफा मार्केट को ऑनलाइन ज्वैलरी परचेजिंग से क्0 से क्भ् फीसदी का नुकसान हो रहा है। जानकारों के अनुसार इसके प्रचलन के आगे और भी ज्यादा बढ़ने के आसार भी दिख रहे हैं। ऐसे में ये नुकसान और भी ज्यादा होने के आसार दिख रहे हैं। अगर पिछले तीन सालों की बात करें तो ऑनलाइन ज्वैलरी खरीदने वालों की संख्या ख्0 से ख्भ् फीसदी बढ़ी है।

ऑनलाइन ज्वैलरी की खरीददारी प्रचलन में तो आया है, लेकिन एक लिमिटेड सेक्शन के लोग ही इसका इस्तेमाल ज्यादा करते हैं। खासकर यूथ जिनके पास समय कम है। इसमें खास बात ये है कि डायमंड की बिक्री ज्यादा होती है।

- अभिषेक जैन, डायरेक्टर, तनिष्क ज्वैलर्स मेरठ

ये ट्रेंड खासकर यूथ में काफी पॉपुलर है। वहीं सर्विस क्लास के लोग जो मार्केट में आने का समय नहीं निकाल सकते हैं, इसे सबसे ज्यादा यूज करते हैं।

- सौरभ अग्रवाल, डायरेक्टर, गीतांजलि ज्वैलर्स मेरठ

ऑनलाइन शॉपिंग के काफी फायदे हैं। रिस्क फैक्टर एकदम जीरो हो जाता है। बाकी आपको घर या ऑफिस में बैठे-बैठे सब चीजें मिल रही है।

- कुश अग्रवाल, ऑनर, क्यूजार्ट

Posted By: Inextlive